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तहरीक-ए-तालिबान के साथ पाकिस्तान ने फिर शुरू की बातचीत, सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले कर रहा है यह आतंकी संगठन

समूह के सदस्यों और काबुल में आधिकारिक सूत्रों ने वायस आफ अमेरिका को बताया कि पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद सोमवार को काबुल में थे। वह हक्कानी नेटवर्क की मध्यस्थता से टीटीपी के साथ बातचीत के लिए आए हुए थे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 10:42 PM (IST)
तहरीक-ए-तालिबान के साथ पाकिस्तान ने फिर शुरू की बातचीत, सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले कर रहा है यह आतंकी संगठन
पाकिस्तान एवं टीटीपी के बीच मध्यस्थता की नई कोशिश का है हिस्सा

इस्लामाबाद, प्रेट्र। आइएसआइ के पूर्व प्रमुख की अगुआई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है। यह आतंकी संगठन पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले कर रहा है। मीडिया में मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी गई है।

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समूह के सदस्यों और काबुल में आधिकारिक सूत्रों ने वायस आफ अमेरिका को बताया कि पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद सोमवार को काबुल में थे। वह हक्कानी नेटवर्क की मध्यस्थता से टीटीपी के साथ बातचीत के लिए आए हुए थे। अफगानिस्तान के पत्रकार बिल्ल सरवारी ने ट्वीट किया, 'टीटीपी से समझौता करने के लिए पेशावर सेना कोर कमांड के प्रमुख फैज हमीद अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ काबुल आए हैं।' हमीद जून 2019 से नवंबर 2021 तक इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) के प्रमुख रहे।

अभी तक किसी पक्ष ने आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है, लेकिन खबरों में कहा गया है कि यह अफगानिस्तान के तालिबान द्वारा कुछ मामलों में पाकिस्तान एवं टीटीपी के बीच मध्यस्थता की नई कोशिश का हिस्सा है।

सेना के खिलाफ टिप्पणी प्रसारित नहीं करें पाकिस्तानी टीवी चैनल

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान के एक प्रमुख नियामक ने देशभर के टीवी चैनलों को यह निर्देश दिया है कि वे सेना और न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी प्रसारित नहीं करें। यह चेतावनी भी दी है कि जानबूझकर या अनजाने में उल्लंघन पाए जाने पर टीवी चैनलों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकार (PEMRA) ने कहा, 'सभी सेटेलाइट टीवी चैनलों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए पीईएमआरए उन्हें टाक शो, समाचार बुलेटिन और लोगों के जमावड़े की लाइव कवरेज करते हुए न्यायपालिका और सशस्त्र बलों जैसे सरकारी संस्थानों के खिलाफ सामग्री का प्रसारण करने से बचने की चेतावनी दे रहा है।'

पाकिस्तान फेडरल यूनियन आफ जर्नलिस्ट ने रविवार को सरकार से मीडिया की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले 'काले कानूनों' को रद करने और पीईएमआरए की पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की थी। इसके एक दिन बाद यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है।


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