पूंजी जुटाने को पाकिस्तान कुछ भी करने को तैयार, निवेशकों के सामने कराया बैली डांस, वीडियो वायरल
पाकिस्तान ने अजरबैजान देश में विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए बैली डांसर्स का कार्यक्रम रखा जिसकी आलोचना हो रही है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल होने से वह अपने देश में विदेश निवेश लाने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार है। एक ओर जहां पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग मामले पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में डाले जाने का डर सताने लगा है। पाकिस्तान का 20 सदस्यीय दल बैंकॉक में वित्तीय कार्य बल (एफएटीएफ) के सामने पेश होगा।
विदेशी निवेश को लुभाने के लिए पाकिस्तान ने सोवियत संघ के हिस्सा रहे अजरबैजान देश में ऐसी हरकत की, जिसकी चौतरफा आलोचना हो रही है, जिसमें खुद पाकिस्तान के लोग भी शामिल हैं। यहां पर विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए बैली डांसर्स का कार्यक्रम रखा।
खैबर पख्तूनखवा में निवेश की संभावनाओं पर होनी थी चर्चा
पाकिस्तान के सीमावर्ती चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SCCI) पेशावर ने अजरबैजान की राजधानी बाकू में निवेश कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनखवा में विदेशी को निवेश लाना था। कार्यक्रम में पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनखवा में निवेश की संभावनाओं की जानकारी तो दी ही, लेकिन कार्यक्रम में मौजूद लोगों को हैरानी तब हुई, जब निवेशकों के मनोरंजन के लिए बैली डांसर्स स्टेज पर लाईं गईं।
पाकिस्तान के लोग नाराज, भारत चांद पर और हम करा रहे बैली डांस
बैली डांस का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो से तीन बैली डांसर्स स्टेज पर डांस कर रही हैं। इसके बाद सोशल मीडिया की पाकिस्तान सरकार की जोरदार आलोचना हो रही है। ट्विटर पर लोगों ने पूछा है कि क्या यही नया पाकिस्तान है। एक यूजर ने लिखा है कि भारत चांद पर अपने यान भेज रहा है और पाकिस्तान निवेशकों को लुभाने के लिए बैली डांसर्स को बुला रहा है।
गले की फांस बना एफएटीएफ
आतंकी संगठनों की फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान एशिया पैसिसिफ समूह (एपीजी) से ब्लैकलिस्ट होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कई चुनौतियां एक साथ पेश हो गई हैं। पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से बिल्कुल कट जाएगी। यही कारण है कि विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।