मंत्रिमंडल के गठन में कुछ वक्त ले सकते हैं शहबाज शरीफ, पीपीपी के सरकार में शामिल होने को लेकर असमंजस
पाकिस्तान में नई सरकार भले ही बन गई है लेकिन अभी भी सियासत के कई पेंच ढीले नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ अपने मंत्रिमंडल के गठन में कुछ समय ले सकते हैं।

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज खान सत्तारूढ़ गठबंधन की स्थिति को देखते हुए मंत्रिमंडल के गठन में कुछ वक्त ले सकते हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से जुड़े सूत्रों ने समाचार पत्र डान को बताया कि दोनों दलों के नेतृत्व ने सहयोगी दलों को संघीय कैबिनेट में शामिल करने और मनपसंद मंत्रालय देने का फैसला किया है।
सत्तारूढ़ गठबंधन में आठ दल व चार निर्दलीय शामिल हैं। चूंकि, शहबाज सिर्फ दो वोटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने हैं, इसलिए वह सहयोगियों के बीच किसी भी गलतफहमी के साथ कार्यकाल शुरू नहीं करना चाहते। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े दल पीपीपी के कैबिनेट में शामिल होने को लेकर असमंजस है।
पार्टी के अधिकतर नेता मंत्री बने बिना ही चुनाव सुधारों के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ का मत है कि अगर वे बाहर रहते हैं, तो गठबंधन सरकार दो महीने भी नहीं टिकेगी। हालांकि, कुछ सदस्य संवैधानिक पदों को हासिल करने का प्रस्ताव दे रहे हैं।
द न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शहबाज ने मंगलवार को पीपीपी के नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी व पार्टी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो, पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजल-उर-रहमान, एमक्यूएम-पी नेताओं, बीएनपी-मेंगल प्रमुख अख्तर मेंगल, बीएपी के संसदीय नेता खालिद मैगसी, जम्हूरी वतन पार्टी प्रमुख शाहजैन बुगती और निर्दलीय सदस्य असलम भूतानी के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि पीपीपी मंत्रिमंडल में शामिल होगी। शहबाज, इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) का साथ छोड़कर आने वालों का खास ध्यान रख रहे हैं। एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए फैसलाबाद से पीएमएल-एन के सांसद राणा सनाउल्लाह ने कहा कि अगले कुछ दिनों में आम सहमति से नया मंत्रिमंडल गठित किया जाएगा।
वह सहयोगी दलों के प्रमुखों के साथ बैठक के दौरान शहबाज के साथ थे। इस बीच, एमक्यूएम-पाकिस्तान (एमक्यूएमपी) ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने और सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की संसद ने शहबाज को गत सोमवार को देश का 23वां प्रधानमंत्री चुना था।
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