Pakistan News: आर्थिक संकट के आखिरी छोर पर देश, IMF ने दी चेतावनी
पाकिस्तान को आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि देश की स्थिति को सुधारने के लिए कर राजस्व बढ़ाना होगा जिससे पैसे वाले लोग देश की स्थिति को संभालने में मदद करें। उसने कहा है कि इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि सब्सिडी उन्हें को मिले जिन्हें जरूरत है।

पाकिस्तान, एएनआई। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान को IMF द्वारा एक देश के रूप में कार्य करने में सक्षम होने के लिए कदम उठाने के लिए कहा गया था। साथ ही जॉर्जीवा ने कहा, "हम चाहते हैं कि पाकिस्तान के गरीब लोग भी सुरक्षित रहें।"
आईएमएफ ने पाकिस्तान को बताए दो उपाय
एक रिपोर्ट में आईएमएफ प्रमुख ने कहा, "हम दो चीजों पर जोर दे रहे हैं, पहला यह कि कर राजस्व बढ़ाना, क्योंकि जो लोग सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों में अच्छा पैसा कमा रहे हैं, उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान करने की जरूरत है और दूसरा कि जिन लोगों को उनकी आवश्यकता नहीं है, उनसे सब्सिडी लेकर कीमती संसाधनों का उचित वितरण किया जाए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि सब्सिडी से अमीरों को लाभ होता है। यह गरीबों को होना चाहिए, जो उनसे लाभान्वित होते हैं।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कई उपायों की घोषणा की
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने 26 फरवरी को सरकार की कमर कसने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की, लेकिन आईएमएफ द्वारा लगाए गए कठिन शर्तों के कारण लोगों को किसी भी वस्तु पर और अधिक मूल्य वृद्धि के लिए चेतावनी भी दी। प्रधानमंत्री शरीफ ने उम्मीद जताई कि सरकार जनता को मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों से बाहर निकालने में सक्षम होगी।
पाकिस्तान आर्मी के लिए जाता है 20 प्रतिशत हिस्सा
पीएम शरीफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के अमीरों को देश के लिए बलिदान देने की जरूरत थी। इसी बीच लोगों को मन में सवाल है कि पाकिस्तानी सेना ने पिछले कुछ वर्षों से अच्छा पैसा कमाया है, उसको पाकिस्तान की भलाई के लिए अपने धन का बलिदान करने के लिए क्यों नहीं कहा जा रहा है। पाकिस्तान बजट का 20 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तानी आर्मी के लिए जाता है।
आर्थिक संकट का लोगों पर पड़ रहा सीधा असर
वर्तमान स्थिति में पाकिस्तान को गहरे आर्थिक संकट, राजनीतिक उथल-पुथल और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में तीव्र आतंकी हमलों के रूप में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से पाकिस्तान के संसाधनों खत्म हो चुके हैं। इसके अलावा, देश की आर्थिक गिरावट का पाकिस्तान के लोगों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
20 जून तक चलेगा आईएमएफ कार्यक्रम
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ केवल यह सुनिश्चित करके पाकिस्तान को भुगतान संतुलन (बीओपी) संकट से उबरने में मदद कर सकता है कि देश डूबे बिना अपने ऋण दायित्वों का भुगतान करने में सक्षम है। विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के तहत 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का चल रहा आईएमएफ कार्यक्रम 30 जून 2023 को समाप्त हो जाएगा और चल रही ईएफएफ व्यवस्था में और विस्तार की कोई संभावना नहीं है।
बढ़ाई गई पेट्रोल की कीमत
उस स्तर पर, पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर बाहरी ऋण चुकाने की आवश्यकताओं और कम विदेशी मुद्रा भंडार की संभावना को ध्यान में रखते हुए एक नए आईएमएफ ऋण की तलाश करनी होगी। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेट्रोल की कीमतों इतनी बढ़ी हैं और आईएमएफ द्वारा सहायता भेजने में देरी होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछड़ती जा रही है।
टैक्स अदा करने वालों की कमी
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पिछले दो दशकों में देश के सामने सबसे कठिन स्थिति है। आईएमएफ के हालिया समीक्षा मिशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को उन सभी लोगों से कर राजस्व प्राप्त करना होगा जिनके पास आय है। 200 मिलियन से अधिक आबादी में से केवल लगभग 3.5 मिलियन रिटर्न दाखिल करने वाले हैं। आईएमएफ के निर्देशों के तहत, सरकार ने 170 अरब रुपये के अतिरिक्त करों को जोड़ते हुए मिनीबजट का अनावरण किया और यह उम्मीद की गई कि यह जल्द ही नेशनल असेंबली द्वारा पारित किया जाएगा।
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