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    Pakistan: इमरान खान की पार्टी के 'चुनाव चिन्ह' का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, PTI ने फैसले को चुनौती देने के लिए दायर की पुनर्विचार याचिका

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के चुनाव चिन्ह का मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट से बल्ला चिन्ह देने से इनकार करने के फैसले पर समीक्षा करने का अनुरोध किया है। पीटीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि उक्त फैसले के कारण पीटीआई सदस्य एक समान चिह्न के तहत चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sun, 30 Jun 2024 02:20 PM (IST)
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    पाकिस्तान चुनाव आयोग ने आंतरिक चुनाव के आरोप में चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी।

    एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह आम चुनावों के लिए पार्टी को उसका 'बल्ला' चिन्ह देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी समीक्षा याचिका को तय करे।

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    पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दिए आवेदन में कहा कि आरक्षित सीटों के मामले में समीक्षाधीन फैसले के दायरे पर पहले से ही पूर्ण पीठ के समक्ष बहस चल रही है, जबकि आरक्षित सीटों के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों द्वारा की जा रही है।

    पीटीआई ने चुनाव आयोग पर लगाया आरोप

    पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सवाल यह है कि क्या पीटीआई से 'बल्ला' चिन्ह छीनने के परिणामस्वरूप उन्हें आरक्षित सीटें आवंटित नहीं की गईं या फिर पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या की।

    पीटीआई ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि आरक्षित सीटों और उनके हक का मुद्दा तब तक 'अनसुलझा' रहेगा जब तक कि इसे आरक्षित सीटों के मामले के साथ बड़ी पीठ द्वारा नहीं सुना जाता है और साथ ही जल्द सुनवाई का अनुरोध भी किया अन्यथा याचिकाकर्ता को 'अपूरणीय क्षति और चोट' होगी।

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई की दलील है कि आवेदन में मौलिक और महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए गए हैं, जिसके लिए एक बड़ी पीठ द्वारा सुनवाई की आवश्यकता है, जिसे स्वीकार कर लिया गया और आवेदनों की समीक्षा पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा की गई।

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    पीटीआई ने समीक्षा याचिका में क्या कहा?

    आवेदन के माध्यम से पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 13 जनवरी के फैसले के क्रियान्वयन से पीटीआई और आम जनता को 'बहुत नुकसान' हो रहा है, जो आम चुनावों में अपनी पसंद की पार्टी को चुनने से वंचित हो गए हैं।

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त फैसले के कारण पीटीआई सदस्य एक समान चुनाव चिह्न के तहत चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं, जिसमें अदालत ने ईसीपी के 22 दिसंबर, 2023 के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें पार्टी को उसके चुनाव चिह्न से वंचित किया गया था।

    रविवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अतहर मिनल्लाह ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट को यह संतुष्ट करने को कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को वैध तरीके से चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, जिससे आरक्षित सीटों पर उसका दावा खत्म हो गया है।

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