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    Pakistan: 'अगर पाकिस्तान में EVM होता तो नहीं होती चुनावी धांधली', जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान का बयान

    Updated: Sun, 17 Mar 2024 07:59 PM (IST)

    भारत में एकतरफ समूचा विपक्ष ईवीएम का जमकर विरोध कर रहा है और इससे मतदान रुकवाने के लिए दर्जनों बार सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगा चुका है। लेकिन पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि अगर उनके देश में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से हुए होते तो चुनाव में धांधली नहीं होती। चुनावी हेराफेरी के मामले को एक घंटे में ही सुलझा लिया जाता।

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    इमरान खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी को तीन करोड़ से अधिक वोट मिले थे।

    एएनआई, इस्लामाबाद। भारत में एकतरफ समूचा विपक्ष ईवीएम का जमकर विरोध कर रहा है और इससे मतदान रुकवाने के लिए दर्जनों बार सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगा चुका है। लेकिन पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि अगर उनके देश में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से हुए होते तो चुनाव में धांधली नहीं होती।

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    चुनावी हेराफेरी के मामले को एक घंटे में ही सुलझा लिया जाता। अल-कादिर ट्रस्ट केस में उनकी बेगम बुशरा बीबी और सहयोगियों के खिलाफ सुनवाई के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के संस्थापक इमरान ने अदियाला जेल में पत्रकारों से आम चुनावों में धांधली पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग, कुछ राजनीतिक दलों और सत्ता में बैठे लोगों ने ईवीएम से वोटिंग कराने की योजना को ही तबाह कर दिया। इमरान खान ने आम चुनाव में जनता के मतों को चुराने वाले कथित अधिकारियों के खिलाफ देशद्रोह का उच्च स्तरीय मुकदमा चलाने की जरूरत बताई है। उन्होंने अपने इस बयान को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया है।

    पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी को तीन करोड़ से अधिक वोट मिले थे, जबकि बाकी 17 पार्टियों को भी कुल मिलाकर इतने ही वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के समक्ष उन्होंने चुनाव में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था और गैर सरकारी संगठनों ने भी चुनावी प्रक्रिया में खामियों को इंगित किया था। लेकिन सबसे पहले तो पीटीआई से उसका चुनाव चिन्ह बैट ही छीन लिया गया। फिर पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ साजिश करते हुए उसे आरक्षित सीटें भी नहीं दीं। पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके मतों को चुराना संविधान के अनुच्छेद छह के अनुसार देशद्रोह है।