पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी बीच इंटरव्यू में हुईं शर्मिंदा, भारतीय पत्रकार ने क्यों बोला- Absolutely You Can
हिना ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने वाले हाफिज अब्दुर रऊफ को बेगुनाह बता दिया लेकिन पत्रकार ने तथ्यों के साथ उनकी बोलती बंद कर दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर हिना की खूब किरकिरी हुई। हिना ने दावा किया कि हाफिज अब्दुर रऊफ कोई आतंकी नहीं बल्कि एक आम पाकिस्तानी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान को लेकर ये बात तो जगजाहिर है कि वह आंतक को खाद-पानी देता है। एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान का काला चेहरा सामने आ गया है। इसके बावजूद पड़ोसी देश मानने को तैयार नहीं है कि वह आंतकियों को पनाह देता रहा है और वहां की सरकार इसको शह देती रही है।
इस बीच पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को अल जजीरा के लाइव इंटरव्यू में उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने एक वैश्विक आतंकी को 'आम आदमी' बताने की कोशिश की।
हिना ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में मारे गए आतंकियों की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने वाले हाफिज अब्दुर रऊफ को बेगुनाह बता दिया, लेकिन पत्रकार ने तथ्यों के साथ उनकी बोलती बंद कर दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर हिना की खूब किरकिरी हुई।
फोटो सोर्स- हिना रब्बानी/X
आतंकी के बचाव में क्या बोलीं हिना रब्बानी?
हिना ने दावा किया कि हाफिज अब्दुर रऊफ कोई आतंकी नहीं, बल्कि एक आम पाकिस्तानी है। उन्होंने कहा, "मैं पूरी जिम्मेदारी और सबूतों के साथ कह रही हूं कि यह वह शख्स नहीं, जिसे भारत आतंकी बता रहा है। पाकिस्तान में लाखों अब्दुर रऊफ हैं।"
लेकिन पत्रकार ने तुरंत टोकते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तस्वीर को फर्जी नहीं बताया था।
Former Pak Foreign Minister Hina Rabbani Khar, speaking to Al-Jazeera, claimed that thousands of Abdur Raufs exist in Pakistan. Lashkar terrst Hafiz Abdul Rauf, who led the funeral at Muridke, was a completely different person.
— OsintTV 📺 (@OsintTV) July 8, 2025
Proving terrst Hafiz Abdul Rauf's innocence is… pic.twitter.com/6p5CBwrn4h
पाकिस्तानी सेना ने जनाजे की तस्वीर को लेकर क्या कहा था?
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता (ISPR) ने दावा किया था कि जनाजा पढ़ने वाला शख्स एक आम प्रचारक और पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) का सदस्य है। ISPR के डीजी अहमद शरीफ चौधरी ने उस शख्स का राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर (35202-5400413-9) और जन्म तारीख (25 मार्च 1973) भी सार्वजनिक की थी। बताया था कि वह लाहौर का रहने वाला है। लेकिन पाकिस्तान के लिए सारा पेंच यहीं फंस गया।
दरअसल ये सारी जानकारियां अमेरिका की 'स्पेशली डेजिग्नेटेड नेशनल्स एंड ब्लॉक्ड पर्सन्स' लिस्ट में मौजूद आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की डिटेल्स से पूरी तरह मिलती-जुलती थीं। हाफिज अब्दुर रऊफ लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सीनियर मेंबर और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का प्रमुख है।
वह 1999 से आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। अमेरिकी डेटाबेस में उसके लाहौर और मुल्तान के कई पते दर्ज हैं। इसके साथ ही उसका पासपोर्ट और राष्ट्रीय पहचान पत्र नंबर भी वही हैं, जो ISPR ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताए थे।
इंटरव्यू में हिना की हेकड़ी पड़ गई ढीली
जब पत्रकार ने हिना को याद दिलाया कि पाकिस्तानी सेना ने जिस शख्स का बचाव किया, उसका पहचान पत्र नंबर अमेरिकी आतंकी सूची से मेल खाता है, तो हिना ने बचाव में कहा, "पाकिस्तानी सेना उस शख्स का बचाव कर रही है, जो अमेरिका की सूची में नहीं है।"
लेकिन पत्रकार ने फिर तथ्य रखे कि ISPR ने खुद माना कि यह वही शख्स है। हिना ने फिर भी दावा किया कि ISPR ने साफ कहा कि यह आतंकी नहीं है, लेकिन उनकी बातें तथ्यों के सामने कमज़ोर पड़ गईं।
कौन है हाफिज अब्दुर रऊफ ?
हाफिज अब्दुर रऊफ का नाम लंबे समय से हाफिज सईद के करीबी के तौर पर लिया जाता रहा है। वह अक्सर सईद के साथ देखा गया है। अमेरिकी डेटाबेस में उसके कई एड्रेस दर्ज हैं, जैसे लाहौर में 4 लेक रोड, चोबुर्जी डोला खुर्द, और अवान टाउन, मुल्तान रोड। इसके अलावा, उसके पासपोर्ट (CM1074131 और A7523531) की जानकारी भी मौजूद है। इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान आतंकियों को बचाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ता और सीधे तौर पर आंतकियों को शह देता है।
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