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    Pakistan: आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान, शहबाज सरकार का खेल खत्म: शेख राशिद अहमद

    By Babli KumariEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 03:04 PM (IST)

    Pakistan पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इस सत्ताधारी सरकार का खेल खत्म हो गया है। मंत्री ने कहा पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है।

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    पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद अहमद। (फाइल फोटो)

    कराची, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने रविवार को पाकिस्तान में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के लिए शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब इस सत्ताधारी सरकार का खेल खत्म हो गया है।

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    अहमद ने ट्विटर पर लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट शासकों के भ्रष्टाचार के 150 संदर्भों को बहाल करेगा, ऊपरवाले की इच्छा।' उन्होंने आगे कहा, 'एनएबी संशोधनों को अमान्य कर दिया जाएगा और एक करोड़ विदेशी पाकिस्तानियों को वोट देने का अधिकार मिल जाएगा।'

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी पर तीखा प्रहार करते हुए पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि भुट्टो अतिथि अभिनेता के रूप में पाकिस्तान आए और उनके कार्यालय में नहीं आए।

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    बाद के एक ट्वीट में, उन्होंने कहा कि पीडीएम ने पाकिस्तान पर अत्यधिक मुद्रास्फीति का बोझ डाला था और दावा किया था कि 'पेट्रोल माफिया' ने सरकार को तीन दिनों के लिए ईंधन की कीमतें कम करने से रोका था।

    डॉन के अनुसार, मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में बिना विभागों के 21 मंत्री हैं।

    विशेष रूप से, पाकिस्तान में मुद्रास्फीति में भारी वृद्धि के परिणामस्वरूप मांग में कमी आई है और नागरिकों के लिए अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में मुश्किलें पैदा हुई हैं।

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    मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा पाकिस्तान में सिकुड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ, विशेषज्ञों को चिंता है कि पाकिस्तान का भविष्य अंधकारमय है। उन्होंने श्रीलंका के पतन की ओर इसारा करते हुए कहा कि पाकिस्तान का पतन भी चिंता का कारण होना चाहिए।

    मुद्रास्फीति महीने-दर-माह (MoM) 6.34 प्रतिशत बढ़ी और जून में वर्ष-दर-वर्ष (YoY) 21.32 प्रतिशत तक पहुंच गई। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में देश में महंगाई 18-20 फीसदी के दायरे में रहेगी।