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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री का जागा तालिबान प्रेम, अफगानिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मांगी मदद

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 18 Jun 2023 09:22 AM (IST)

    Bilawal on Afghanistan पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के साथ रचनात्मक जुड़ाव बनाए रखने का आह्वान किया। बिलावल ने कहा कि पड़ोसी मुल्क में किसी भी संभावित मानवीय संकट को रोकने के लिए सभी को साथ आना होगा।

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    Bilawal on Afghanistan विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी

    इस्लामाबाद, एएनआई। Bilawal on Afghanistan पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का तालिबान प्रेम फिर जाग गया है। बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के साथ व्यावहारिक दृष्टिकोण और रचनात्मक जुड़ाव बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क में किसी भी संभावित मानवीय संकट को रोकने के लिए सभी को साथ आना होगा।

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    अफगानिस्तान के लोगों को अकेले नहीं छोड़ सकतेः बिलावल

    जरदारी ने इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण चरण के दौरान अफगानिस्तान या इसके 40 मिलियन लोगों को छोड़ने से "अकल्पनीय परिणाम" हो सकते हैं। स्थानीय न्यूज चैनल को दिए बयान में मंत्री ने कहा-

    अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में किसी भी संभावित मानवीय आपदा को टालने के लिए समर्थन सहायता प्रदान करना जारी रखना चाहिए और उसके दीर्घकालिक विकास के लिए एक स्थायी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करनी चाहिए। इसके साथ ही, पाकिस्तान को उम्मीद है कि तालिबान के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी होंगे।

    तालिबान बोला- आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य

    बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार को समावेशिता सुनिश्चित करनी चाहिए, सभी अफगानों के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए और प्रभावी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करनी चाहिए। उधर, तालिबान ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री की टिप्पणियों का स्वागत किया, लेकिन साथ ही कहा कि अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य होगा।

    तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा-

    मानवाधिकारों के संदर्भ में मुझे आपको बताना है कि अफगानिस्तान इस्लामी सिद्धांतों और शरिया कानून के अनुसार सभी लोगों के अधिकार प्रदान करता है। दूसरे देशों को भी निष्पक्ष होना चाहिए और अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।