Move to Jagran APP

कभी समय की मार तो कभी कोर्ट की मार, आखिर कहां जाएं बेचारे नवाज ‘शरीफ’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस वक्‍त चौतरफा परेशानियों में घिरे हैं। आलम ये है कि नवाज के पास फिलहाल कोई ऐसी कौड़ी नहीं है जिससे वह इन परेशानियों से बाहर आ सकें।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 12:54 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 07:23 AM (IST)
कभी समय की मार तो कभी कोर्ट की मार, आखिर कहां जाएं बेचारे नवाज ‘शरीफ’
कभी समय की मार तो कभी कोर्ट की मार, आखिर कहां जाएं बेचारे नवाज ‘शरीफ’

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस वक्‍त चौतरफा परेशानियों में घिरे हैं। पहली परेशानी उनकी पत्‍नी की खराब होती हालत है तो दूसरी कोर्ट के आदेश के बाद उनका आम चुनाव में हिस्‍सा न ले पाना है। तीसरी परेशानी भ्रष्‍टाचार के मामले में उन्‍हें हुई दस साल की कठोर सजा है तो चौथी परेशानी देश की सियासत से उनके परिवार का लगभग बाहर हो जाना है। आलम ये है कि नवाज के पास फिलहाल कोई ऐसी कौड़ी नहीं है जिससे वह इन परेशानियों से बाहर आ सकें। मौजूदा हालातों में वह लगातार इनसे घिरते जा रहे हैं। फिलहाल शरीफ परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो अन्य मामले चल रहे हैं। यह फैसला एक ऐसे समय आया है जब देश में 25 जुलाई को आम चुनाव होने जा रहे हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम 15 जून से ही लंदन में मौजूद हैं। कुलसुम नवाज को यहां दिल का दौरा पड़ने के बाद से उन्‍हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।

loksabha election banner

एनएबी ने सुनाई दस वर्ष की सजा
आपको बता दें कि पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अदालत दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा उन्‍हें भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनाई गई है। सजा के अलावा कोर्ट ने उनके ऊपर करीब 80 लाख पौंड (करीब 73 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा उन्‍हें एनएबी का सहयोग नहीं करने पर भी एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

बेटी-दामाद को भी सजा
उनके साथ ही बेटी मरयम को सात साल कठोर कारावास और दामाद कैप्टन मुहम्मद सफदर को जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल कैद की सजा सुनाई गई। मरयम को भी जांच में सहयोग नहीं करने पर एक साल की सजा दी गई है। उनकी भी दोनों सजाएं साथ चलेंगी। मरयम पर 20 लाख पौंड का जुर्माना भी लगा है। इस समय शरीफ बीमार पत्नी कुलसुम के साथ लंदन में हैं। उनके साथ मरयम भी हैं। आपको बता दें कि कोर्ट का फैसला आने के बाद मरयम और सफदर चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए हैं। दोनों 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार हैं।

क्‍या है मामला
एनएबी कोर्ट ने एवेनफील्ड मामले में फैसला सुनाया है। यह लंदन के पॉश इलाके एवेनफील्ड में स्थित चार लक्जरी फ्लैटों से जुड़ा है। नवाज शरीफ परिवार ने अपनी विदेशी कंपनियों नील्सन इंटरप्राइजेज लिमिटेड और नेस्कोल लिमिटेड के जरिये इन संपत्तियों को खरीदा था। ये फ्लैट 1993 से 1996 के दौरान खरीदे गए थे। इस मामले में शरीफ के अलावा उनकी बेटी मरयम, दामाद सफदर और दोनों बेटे हसन और हुसैन सहआरोपी बनाए गए थे।

क्‍या कहते है रिकॉर्ड
ब्रिटेन के लैंड रजिस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार, लंदन के एवेनफील्ड इलाके में ज्यादातर उन कंपनियों के फ्लैट हैं जो पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड्स जैसे टैक्स हैवेन वाली जगहों पर स्थित हैं। डॉन न्यूज के अनुसार, शरीफ परिवार और पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार फैसला सुनने के लिए लंदन स्थित एवेनफील्ड फ्लैट में ही जमा हुए थे। इन लोगों ने टीवी पर भ्रष्टाचार मामले में आए फैसले को देखा। फैसला आने के बाद नवाज के भाई और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि फैसले को चुनौती दी जाएगी।

एनएबी का सौ पेजों का फैसला
इस्लामाबाद की एनएबी अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने 100 से ज्यादा पेजों में अपना फैसला सुनाया। एनएबी के वकीलों की टीम के प्रमुख सरदार मुजफ्फर अब्बासी ने कहा कि कोर्ट ने एवेनफील्ड फ्लैटों को जब्त करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी टीम को बधाई देता हूं। यह एनएबी की जीत है। इस बड़े फैसले से जाहिर होता है कि एवेनफील्ड फ्लैट भ्रष्टाचार के पैसों से खरीदे गए थे। शरीफ परिवार के पास इनका मालिकाना हक 1993 से है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद चला मुकदमा
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में पिछले साल 28 जुलाई को 68 वर्षीय शरीफ को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दिया था। इसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शीर्ष कोर्ट ने एनएबी को शरीफ और उनके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे दायर करने का आदेश दिया था। एनएबी ने बीते आठ सितंबर को तीन मुकदमे दायर किए थे।

शरीफ पर दो अन्य मामले
गौरतलब है कि शरीफ परिवार पर अजीजिया स्टील मिल्स और हिल मेटल कंपनी से जुड़े दो अन्य मामले भी चल रहे हैं। शरीफ परिवार ने सऊदी अरब के जेद्दा में सात अरब रुपये की पूंजी से अजीजिया स्टील मिल्स का निर्माण कराया था। जांच टीम के मुताबिक हिल मेटल कंपनी ने 2010 से 2015 के बीच 99.77 लाख डॉलर का मुनाफा कमाया। इस दौरान इसमें से 4.04 लाख डॉलर नवाज शरीफ को भेजे गए।

मिशनरी से मानव तस्‍करी के जाल में फंस रहा भारत, आखिर कहां गए 280 बच्‍चे
आखिर क्‍या है अनुच्छेद-239 और 239AA जिस पर मचा है दिल्‍ली में सियासी बवाल
सुप्रीम कोर्ट में आदेश में सीएम केजरीवाल को है चेतावनी तो एलजी को भी हैं निर्देश  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.