Pakistan Election 2024: पाकिस्तान में अब क्या होगा? PM के लिए एक नहीं तीन चेहरे; नंबर गेम में फंस गई पड़ोसी मुल्क की सत्ता
Pakistan Election 2024 पाकिस्तान के चुनाव में किसी दल को बहुमत न मिलने के कारण संघीय सरकार बनाने के लिए तैयार होने वाले गठबंधन के पास नेशनल असेंबली (संसद) में चुने हुए 133 सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा। आठ फरवरी को 265 सीटों के लिए मतदान हुआ था जबकि चुनाव के जरिये पाकिस्तानी संसद के निचले सदन की 266 सीटें भरी जाती हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Pakistan General Elections 2024। पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले आटा, चीनी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही जनता को उम्मीद है कि नई सरकार देश को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में कामयाब होगी। हालांकि, चुनाव नतीजों ने वहां के आवाम की सिरदर्द और भी बढ़ा दी है।
भले ही चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी को बर्खास्त कर दिया, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री को जनता का भरपूर प्यार मिला है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इमरान खान समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 101 सीटों पर बाजी मारी।
लंदन से पीएम बनने की इच्छा लिए पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (PML-N) को 73 सीटें मिली। वहीं, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने 54 सीटें जीतीं। गौरतलब है कि 134 सीटों जीतकर बहुमत की सरकार बनाने में कोई पार्टी कामयाब न हो सकी।
चुनाव नतीजे सामने आने के बाद इन पांच सवालों का जबाव जानना बेहद जरूरी है।
क्या चुनाव परिणाम से खुश हैं राजनीतिक दल?
दरअसल, यह परिणाम पीटीआई नेताओं के लिए राहत भरी खबर है। भले ही पीटीआई समर्थित नेता स्वतंत्र उम्मीदवार बनकर चुनाव में उतरे, लेकिन पाकिस्तान की महिलाओं और युवाओं ने इमरान खान के समर्थन में वोट डाले, जिसकी वजह से उन्हें 101 सीटें मिली।
क्या पीएमएल-एन और पीपीपी मिलाएंगे हाथ?
इस बार पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) को सेना का भी साथ मिला, लेकिन फिर भी पार्टी पूर्ण बहुमत तो क्या 100 का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। इस परिणाम ने नवाज शरीफ की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। हालांकि, उम्मीद लगाई जा रही है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी मिलकर सरकार बनाने वाली है।
हालांकि, चुनाव से पहले पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी कई बार पीएमएल-एन के साथ हाथ न मिलाने की बात कह चुके हैं। वहीं, बिलावल भुट्टो ने कहा कि सरकार बनाने को लेकर पीएमएल (एन), पीटीआई या किसी भी अन्य पार्टी से बातचीत नहीं हो रही है। उन्होंने आगे कहा, "हम सभी चुनावी क्षेत्रों में मतगणना पूरा होने और नतीजे आने का इंतजार कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री को लेकर रस्साकशी?
पीएमएल-एन और पीपीपी के नेता मिलकर सरकार बनाने की चाहत रखते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल प्रधानमंत्री पद का है। आसि अली जरदारी को ख्वाहिश है कि उनका बेटा पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बने। वहीं, पीएमएल-एन की कोशिश होगी कि नवाज शरीफ या उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ ही प्रधानमंत्री बने। हालांकि, सरकार बनाने के लिए दोनों का समझौता को करना ही पड़ेगा।
आजाद उम्मीदवारों का क्या?
चुनावी में दो तरह के आजाद उम्मीदवारों ने बाजी मारी। पहले हैं इमरान खान समर्थित आजाद उम्मीदवार। दूसरे हैं जो इमरान खान का समर्थन नहीं करते। पीएमएल-एन और पीपीपी लगातार इमरान खान समर्थित और इमरान का समर्थन न करने वाले आजाद उम्मीदवारों से बातचीत कर रहे हैं। पीटीआई समर्थित आजाद उम्मीदवार भी अपनी राजनीतिक भविष्य तलाशने में जुटे हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएमएल-एन और पीपीपी की कोशिश है कि इमरान खान समर्थित नेताओं को भी नई सरकार में शामिल की जाए। पाकिस्तान में जीते नेताओं की खरीद-फरोख्त भी की जा सकती है।
चुनाव पर अमेरिकी संसद ने क्या कहा?
आम चुनाव के नतीजों में काफी देरी हो रही है। नवाज शरीफ और मरियम नवाज की नतीजों और चुनाव आयोग के फैसले को लेकर भी काफी सवाल खड़े हो रहे हैं।
वहीं, अमेरिकी सांसदों ने बाइडेन प्रशासन से मांग की है कि वो पाकिस्तान में चुनाव नतीजों को मान्यता न दें। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान चुनाव में धांधली हुई है। जब तक इसकी जांच नहीं हो जाती तब तक चुनाव नतीजों को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। अमेरिकी संसद के अलावा, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन में भी चुनाव धांधली का मुद्दा उठाया गया।
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