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    Pakistan: बिलावल भुट्टो अपने नाना के लिए मांग रहे इंसाफ... सुप्रीम कोर्ट में जनवरी से मामले पर रोजाना होगी सुनवाई

    पूर्व पीएम भुट्टो को हत्या के एक मामले में उकसाने का दोषी ठहराए जाने के बाद 1979 में फांसी दे दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की सात-सदस्यीय पीठ द्वारा दोषसिद्धि को बरकरार रखने के बाद फांसी की सजा दी गई थी। कई लोगों का मानना है कि तत्कालीन सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक के दबाव के कारण सात सदस्यीय पीठ ने यह फैसला बरकरार रखा था।

    By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Thu, 14 Dec 2023 04:11 AM (IST)
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    बिलावल अपने नाना के लिए मांग रहे इंसाफ, कहा- हत्या तो हत्या है चाहे कितने भी साल बीत जाएं

    पीटीआई, पेशावर। बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को अपने नाना और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को दी गई मौत की सजा पर पुनर्विचार मामले में सुप्रीम कोर्ट से न्याय मांगा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सुप्रीमो बिलावल ने कहा कि इंसाफ मांगना हर किसी का कानूनी अधिकार है।

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    हत्या तो हत्या है चाहे कितने भी साल बीत जाएं। बिलावल ने मामले की सुनवाई की समय सीमा तय करने का विरोध किया है। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम भुट्टो को 1979 में दी गई विवादास्पद मौत की सजा पर फिर से विचार करने का आग्रह करने वाले लंबित मामले की सुनवाई जनवरी 2024 तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में अदालत ने अगले महीने से मामले पर रोजाना सुनवाई करने की घोषणा की।

    बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दो अप्रैल 2011 को सुप्रीम कोर्ट परामर्श अधिकार क्षेत्र के तहत उनके ससुर भुट्टो को दी गई मौत की सजा पर पुनर्विचार पर राय के लिए एक मामला दायर किया था। मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने कहा था कि कोर्ट किसी अन्य अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता। हम उस मामले की दोबारा सुनवाई कैसे कर सकते हैं जो बंद हो चुका है।

    1979 में फांसी दे दी गई थी

    उल्लेखनीय है कि पूर्व पीएम भुट्टो को हत्या के एक मामले में उकसाने का दोषी ठहराए जाने के बाद 1979 में फांसी दे दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट की सात-सदस्यीय पीठ द्वारा दोषसिद्धि को बरकरार रखने के बाद फांसी की सजा दी गई थी। कई लोगों का मानना है कि तत्कालीन सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक के दबाव के कारण सात सदस्यीय पीठ ने यह फैसला बरकरार रखा था।