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रिपोर्ट में दावा, पाकिस्तान में सरकार के बाद अब न्यायपालिका को कब्जे में लेना चाहती है सेना

ताइवानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लाहौर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एजाज अहमद चौधरी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक जनरल ने उनसे जजों की नियुक्ति के संबंध में संपर्क किया था।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 02:35 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 02:35 PM (IST)
जजों की नियुक्तियों में दबाव डालती है आइएसआइ

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सेना का ही नियंत्रण रहा है। मौजूदा स्थिति में भी सेना ही अफगानिस्तान समस्या से लेकर भारत में आतंकवाद फैलाने तक सभी फैसले ले रही है। अब पाक में सेना न्यायपालिका पर भी पूरा नियंत्रण करने की कोशिश में लगी हुई है।

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इसको लेकर ताइवानी डिजिटल पोर्टल में बिलाल बलूच की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि पाकिस्तानी सेना देश के सभी उच्च न्यायालय में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जजों की नियुक्ति कराने में लगी हुई है।

सेना के उच्च अधिकारी ऐसे जजों की नियुक्ति करा रहे हैं, जो सरकार और राजनेताओं के प्रदर्शन पर अपनी तीखी टिप्पणियां करते हैं। इसी के साथ सेना दबाव बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर देती है।

ताइवानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एजाज अहमद चौधरी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक जनरल ने उनसे जजों की नियुक्ति के संबंध में संपर्क किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यही कारण है कि बार काउंसिल और सेना के बीच चल रहे विवाद के कारण सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति लंबित हैं। पाक में अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें सेना ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया।


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