पाकिस्तान में सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी देने पर होगी 5 साल की सजा, सेना अधिनियम में हुआ संशोधन
पाकिस्तान (Pakistan) की संसद ने आर्मी एक्ट (Army Act) में संशोधन किया है। अब देश व सेना की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जाहिर करने पर पांच साल तक की सजा हो सकती है। बता दें पाकिस्तान के आर्मी एक्ट1952 में यह संशोधन संसद से पास होने से अब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। आर्मी एक्ट में यह संशोधन नागरिकों पर लागू नहीं होगा।

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की संसद ने आर्मी एक्ट में संशोधन करते हुए देश व सेना की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जाहिर करने पर पांच वर्ष तक की सजा का प्रविधान किया है। नेशनल असेंबली ने आर्मी एक्ट (संशोधन) विधेयक को सोमवार को पारित किया। उच्च सदन सीनेट में यह पिछले हफ्ते ही पास हो चुका है।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून
पाकिस्तान के आर्मी एक्ट, 1952 में यह संशोधन संसद से पास होने से अब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने नौ मई को विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया था।
नागरिकों पर नहीं होगा लागू
हालांकि, कानून मंत्री आजम नजीर तरार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आर्मी एक्ट में यह संशोधन नागरिकों पर लागू नहीं होगा। डॉन अखबार के अनुसार, आर्मी एक्ट (संशोधन) विधेयक में 26-ए के तहत प्रविधान किया गया है कि कोई व्यक्ति जो संवेदनशील जानकारी जाहिर करेगा या इसका कारण बनेगा, उसे पांच वर्ष तक की जेल हो सकती है।
क्या कहता है विधेयक
विधेयक में 26-बी के अधीन कोई व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति, रिहाई, इस्तीफा, सेवामुक्ति, निष्कासन या सेवा से बर्खास्तगी की तारीख से दो साल तक किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेगा। इसमें आगे प्रस्तावित किया गया है कि जो लोग संवेदनशील पदों पर तैनात रहे हैं उन्हें पद से हटने के बाद पांच साल के दौरान किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया है।
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