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    Pakistan: 6 साल बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बने PML-N के अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए नवाज शरीफ

    Updated: Tue, 28 May 2024 07:08 PM (IST)

    पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ को लाहौर में मंगलवार को पार्टी के चुनाव में पीएमएल-एन अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया है। पार्टी चुनाव में नवाज के खिलाफ किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था। पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें ये पद गंवाना पड़ा था।

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    पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ को ये पद गंवाना पड़ा था।

    पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ को लाहौर में मंगलवार को पार्टी के चुनाव में पीएमएल-एन अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुन लिया गया है। पार्टी चुनाव में नवाज के खिलाफ किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था। पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें ये पद गंवाना पड़ा था।

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    पीएमएल-एन के मुख्य चुनाव आयुक्त राणा सनाउल्लाह ने इस बारे में मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की, जिसके बाद लाहौर के एक होटल में होने जा रही पीएमएल-एन जनरल काउंसिल की बैठक में नवाज शरीफ के राष्ट्रपति पद पर मुहर लगाई जाएगी। नवाज शरीफ राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी हैं। हालांकि, शहबाज शरीफ के पद छोड़ने के बाद वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उनसे वापसी का आग्रह भी किया था।

    इससे पहले उनकी पार्टी ने जनरल काउंसिल की बैठक की तैयारियों का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, "शेर शीर्ष पर अपनी सही जगह लेने के लिए लौट रहे हैं।" डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन ने पहले 11 मई को सामान्य परिषद की बैठक बुलाने की घोषणा की थी, लेकिन पाकिस्तान के परमाणु शक्ति बनने के 26 साल पूरे होने के जश्न के मौके पर इसे स्थगित कर दिया गया था। बता दें कि पाकिस्तान ने 28 मई, 1998 को छह परमाणु परीक्षण किए थे तब शरीफ प्रधानमंत्री थे।

    पीएमएल-एन पंजाब के अध्यक्ष राणा सनाउल्लाह ने संकेत दिया था कि बड़े शरीफ को बिना किसी प्रतियोगिता के चुना जाएगा। यह पूछे जाने पर कि पार्टी ने नए राष्ट्रपति के लिए मतदान करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई? इसके जवाब में सनाउल्लाह ने कहा कि पार्टी "सत्ता के गलियारों की सेवक थी और यह नवाज शरीफ ही थे, जिन्होंने इसे जनता की पार्टी बनाया।"

    उन्होंने कहा कि कैद-ए-आजम मुहम्मद अली जिन्ना के बाद यह नवाज शरीफ थे जिन्होंने पार्टी को जीवंत बनाया। 8 फरवरी के आम चुनाव के बाद नवाज शरीफ राजनीति में सक्रिय क्यों नहीं थे। इस सवाल का जवाब देते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि पूर्व पीएम किसी से नाराज नहीं हैं और वह पार्टी में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, "पार्टी और सरकार के सभी बड़े फैसले उनके द्वारा लिए जाते हैं।"

    प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस महीने की शुरुआत में पार्टी सुप्रीमो और अपने बड़े भाई नवाज शरीफ को पीएम कार्यालय से "अन्यायपूर्ण" अयोग्य ठहराए जाने का हवाला देते हुए पीएमएल-एन अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। 72 वर्षीय शहबाज ने कहा कि अब समय आ गया है कि वह "पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अपनी सही जगह फिर से संभालें।"

    8 फरवरी के आम चुनावों में खंडित जनादेश आया था और पीएमएल-एन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। जब नवाज ने शहबाज के पक्ष में प्रधान मंत्री का पद छोड़ दिया, तो उसने संघीय स्तर पर सरकार बनाने के लिए बिलावल जरदारी भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और अन्य छोटे दलों से हाथ मिलाया।

    इससे बहुत पहले 2017 में नवाज ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ दिया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्राप्य वेतन की घोषणा नहीं करने के लिए सार्वजनिक पद संभालने से जीवन भर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। पनामा पेपर्स मामले में उनके मुकदमे के बाद शीर्ष अदालत ने फरवरी 2018 में पीएमएल-एन सुप्रीमो को पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था।