Pakistan: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया समुदाय के 60 वर्षीय व्यक्ति की दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार
Pakistan पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद अहमदिया समुदाय पर उत्पीड़न के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पंजाब प्रांत में एक 60 वर्षीय व्यक्ति की इसलिए हत्या कर दी गई क्योकि वे अहमदिया समुदाय से ताल्लुक रखता था।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के उत्पीड़न के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ताजा मामला पंजाब प्रांत के चिनाबनगर शहर का है। यहां एक अहमदिया समुदाय के 60 वर्षीय व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या कर दी गई है। डान अखबार ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि नसीर अहमद और उसका भाई मुनीर सुबह खरीदारी के लिए जा रहे थे, तभी इस घटना को अंजाम दिया गया।
घटनास्थल पर हुई 60 वर्षीय शख्स की मौत
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चिनाबनगर बस स्टैंड पर खड़े एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें रोका और उनसे उनके धर्म के बारे में सवाल किया था। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध ने अपने बैग से खंजर निकाला और अहमद पर हमला कर दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोगों ने भागने की कोशिश करने वाले संदिग्ध को पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
पीड़ित के भाई का दावा- हत्या के बाद आरोपी ने लगाए नारे
बता दें कि मृतक चिनाबनगर के रबवाह के पास दारुल रहमत शर्की का रहने वाला था। उसके परिवार में उसकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। पीड़ित के भाई मुनीर ने डान को बताया कि संदिग्ध ने धार्मिक आधार पर उन पर हमला किया था और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के पक्ष में नारे लगाए थे। उन्होंने कहा कि संदिग्ध ने टीएलपी के संस्थापक दिवंगत खादिम हुसैन रिजवी की प्रशंसा करते हुए भी नारे लगाए।
अहमदिया समुदाय पर पाकिस्तान में बढ़ा अत्याचार
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार अहमदिया समुदाय के मानवाधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करने में विफल रही हैं। अहमदियों को अपने धर्म को सार्वजनिक रूप से घोषित करने या प्रचार करने, साथ ही मस्जिद बनाने या मुस्लिमों द्वारा प्रार्थना के लिए बुलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) पंजाब के उपाध्यक्ष मलिक इलियास अवान ने अहमदिया समुदाय की सुरक्षा तुरंत हटाने की मांग की थी।
पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय की संख्या है 40 लाख
बता दें कि पाकिस्तान में अहमदिय समुदाय की संख्या लगभग 40 लाख है, लेकिन पाकिस्तानी संविधान द्वारा 1974 के बाद से समुदाय को खुद को मुस्लिम कहने को कोई अधिकार नहीं है बल्कि उन्हें यहां काफिर माना जाता है। नतीजतन, अहमदियों को अपने प्रार्थना घरों को मस्जिद कहने की भी अनुमति नहीं है, जबकि इस्लाम से जुड़ी बुनियादी धार्मिक प्रथाओं को उनके लिए मना किया गया है।