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    पाक पीएम शहबाज शरीफ का बड़ा बयान, कहा- "आईएमएफ डील को लागू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं"

    By Edited By: Ajay Singh
    Updated: Wed, 28 Dec 2022 04:53 PM (IST)

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नकदी की कमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए उनकी सरकार के पास अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यक्रम को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए आईएमएफ के कार्यक्रम जरूरी।

     इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान एक लंब समय से आर्थिक परेशानियों से जुझ रहा है। इस आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पाकिस्तान में लगातार कई प्रयास किए जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि नकदी की कमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए उनकी सरकार के पास अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यक्रम को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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    सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने मंगलवार को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें पीएम के हवाले से लिखा था कि शाहबाज शरीफ ने एक बैठक के दौरान खेद व्यक्त किया कि अगर सरकार किसी भी क्षेत्र में कोई सब्सिडी देना चाहती है, तो उसे आईएमएफ के पास जाना होगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार कभी भी मूल्य वृद्धि का बोझ लोगों पर नहीं डालना चाहती थी। देश को आईएमएफ कार्यक्रम को लागू करना होगा क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अगुवाई वाली पीटीआई सरकार ने आईएमएफ के साथ हुए समझौते का खुलेआम उल्लंघन किया था।

    आईएमएफ ने शर्तें पूरी नहीं होने पर रोक दी थी फंडिंग

    आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने इस साल 6 अरब अमेरिकी डॉलर के आईएमएफ कार्यक्रम को फिर से शुरू किया। इस पर 2019 की शुरुआत में सहमति हुई थी, लेकिन वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता की कठिन शर्तों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं हो जाते, तब तक आईएमएफ कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को अधिक धन जारी नहीं कर सकता है।

    18 नवंबर की बातचीत में नहीं निकला हल

    18 नवंबर को पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच औपचारिक बातचीत हुई थी। लेकिन नौवीं समीक्षा के ओवरड्यू पर औपचारिक वार्ता के कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। आईएमएफ बोर्ड ने अगस्त में पाकिस्तान के बेलआउट कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षा को मंजूरी दी थी। उस दौरान 1.1 अमेरिकी डॉलर से अधिक का फंड जारी करने की अनुमति दी गई थी।

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