सिर्फ एक अधिसूचना से आर्मी चीफ को दोबारा नियुक्त कर सकेंगे पाक PM Sharif, कानून में संशोधन चाह रही सरकार
पाकिस्तान सरकार 1952 के अधिनियम में संशोधन करने की मांग कर रही जिससे सरकार के पास सेना प्रमुख को बनाए रखने के लिए पहले से ज्यादा अधिकार मिल सकते है। बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा दो हफ्तों में सेवानिवृत्त होंगे। (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद, पीटीआइ। नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान में लंबे समय से मंथन का दौर चल रहा है। इसी बीच पाकिस्तान सरकार 1952 के अधिनियम में संशोधन करने की मांग कर रही जिससे सरकार के पास सेना प्रमुख को बनाए रखने के लिए पहले से ज्यादा अधिकार मिल सकते है। बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा दो हफ्तों में सेवानिवृत्त होंगे। जनरल बाजवा इस पद पर छह साल से पदस्थ हैं और उन्होंने इस पद के लिए एक बार सेवा विस्तार भी लिया है। लेकिन सरकार के कानून में संशोधन के फैसले से माना जा रहा है कि सरकार जनरल बाजवा को ही सेना प्रमुख बनाए रखना चाहती है।
सिर्फ एक अधिसूचना से बढ़ सकता है सेना प्रमुख का कार्यकाल
पाकिस्तान के डान अखबार के मुताबिक पाकिस्तानी सेना अधिनियम (PAA) 1952 के संशोधन से प्रधानमंत्री को एक जटिल संवैधानिक प्रक्रिया के बजाय एक साधारण अधिसूचना की मदद से मौजूदा सेना प्रमुख को बनाए रखने का अधिकार मिलेगा। लेकिन इस संशोधन के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति की सहमति लेनी आवश्यक होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान के एक वकील के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा कानून में एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना प्रमुख के नाम पर चर्चा की जाती है। इसके बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होती है। सेना प्रमुख के कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए भी इसी तरह की जटिल प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। लेकिन कानून में संशोधन किए जाने के बाद सरकार महज एक अधिसूचना की मदद से सेना प्रमुख के कार्यकाल को लेकर बड़े फैसले ले सकती है।
नियुक्ति को लेकर शहबाज ने नवाज से ली थी सलाह
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित बदलावों को पिछले महीने रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी देदी थी। इसके बाद इस मामले को लेकर कैबिनेट मीटिंग में 11 नवंबर को चर्चा होनी थी, जो अज्ञात कारण के चलते रद्द हो गई। बैठक में होनी थी। में उतरने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अज्ञात कारणों से रद्द कर दिया गया था। बता दें कि शहबाज शरीफ इस नियुक्ति के लिए अपने बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मुलाकात की थी।
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