अमेरिका की लगातार कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान, पलटकर किया ये वार
अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर कार्रवाई कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने भी अपना धैर्य खोते हुए बड़ा कदम उठाया है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि अब तक सिर्फ अमेरिका ही कार्रवाई करता आ रहा था, मगर अब पाकिस्तान ने भी पलटवार करते हुए उसके साथ सभी तरह के खुफिया और सुरक्षा सहयोग को स्थगित कर दिया है। पाक मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह दावा किया गया है। पाकिस्तान की तरफ से यह पलटवार अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सभी सैन्य और सुरक्षा सहायता पर रोक लगाने के बाद किया गया है।
अमेरिका से खत्म किए खुफिया-सुरक्षा सहयोग
पाक मीडिया के मुताबिक, रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने अमेरिका के साथ सभी तरह के खुफिया और सुरक्षा सहयोग को स्थगित किए जाने का एलान किया। इस्लामाबाद स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अमेरिका के साथ खुफिया और सुरक्षा सहयोग काफी बड़े पैमाने पर होता है, जिसे स्थगित कर दिया गया है।
अमेरिकी मदद रोके जाने की कोई अहमियत नहीं
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अमेरिका की ओर से सैन्य मदद रोके जाने की हमारे लिए कोई अहमियत नहीं है। अमेरिका पिछले 15 सालों में करोड़ों डॉलर खर्च करने के बाद भी अफगानिस्तान में लड़ाई नहीं जीत पाया और सिर्फ 40 फीसदी हिस्सा पर ही नियंत्रण कर सका है। पाकिस्तान की भूमिका पर उंगली उठाने से पहले अमेरिका को बाकी बचे अशासित हिस्से के बारे में सोचना होगा।
पाकिस्तान को बना रहा बलि का बकरा
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में हार के लिए अमेरिका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है। आपको बता दें कि पहले भी पाकिस्तान सरकार ने अपने बचाव में कहा था कि अमेरिका, अफगानिस्तान में अपनी विफलता का ठीकरा उसके सिर फोड़ रहा है और उसे बलि का बकरा बना रहा है। वहीं पाकिस्तान ने अमेरिका पर 'भारत की भाषा' बोलने का आरोप भी लगाया था। पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि पिछले 16 सालों में अलकायदा के खिलाफ जंग में उसने अमेरिका को हर तरह की मदद मुहैया कराई, लेकिन इसके बदले पाकिस्तान को अमेरिका की 'आलोचना और अविश्वास' के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला। वहीं यह भी दावा किया कि वह अपने दम पर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है।
पाक मंत्री के दावे पर अमेरिका ने जताई अनभिज्ञता
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अमेरिका के साथ खुफिया-सुरक्षा सहयोग स्थगित करने को लेकर पाक रक्षा मंत्री का बयान आधिकारिक है या नहीं, क्योंकि वह इस दावे को गलत बता रहा है। दरअसल, इस संबंध में जब पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें किसी भी तरह का सहयोग स्थगित करने को कहा गया हो। दूतावास के प्रवक्ता रिचर्ड स्नेलसर ने बताया कि हमें आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।
आतंकवाद के मुद्दे पर गुस्से में है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। ट्रंप ने नए साल के मौके पर ट्वीट कर पाकिस्तान को लताड़ते हुए आतंकवाद के मुद्दे पर सालों से अमेरिका को धोखा देने का आरोप लगाया था। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने को लेकर भी चेताया। मगर अमेरिकी प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद के बाद अब सभी तरह की सुरक्षा मदद पर रोक लगाने का भी एलान कर दिया है। वहीं जल्द ही कई और कड़े फैसले लेने के भी संकेत दिए हैं। अमेरिका ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि अगर पाकिस्तान का रवैया ऐसे ही ढीला-ढाला रहा तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी विकल्प मौजूद हैं।
सुधरने के लिए दिया अल्टीमेटम
अमेरिका ने पाकिस्तान को सुधरने के लिए 15 जनवरी तक का वक्त दिया है। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को 27 आतंकियों की लिस्ट सौंपते हुए कहा है कि इन आतंकियों को मारो या गिरफ्तार कर हमें सौंप दो। ये सभी 27 आतंकी हक्कानी नेटवर्क के हैं। हक्कानी नेटवर्क के साथ-साथ लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठन भी ट्रंप प्रशासन की रडार पर हैं। पाकिस्तान के पत्रकार सैयद तलत हुसैन ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी। उनके ट्वीट के मुताबिक पाक के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि आतंकियों पर इस बड़ी कार्रवाई के लिए ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ कोई पेपर वर्क नहीं किया है।
पाक को यह संदेश देने की है कोशिश
सीआईए प्रमुख माइक पॉम्पियो ने कहा है कि हमने पाकिस्तान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब पहले जैसा नहीं चलेगा। इसीलिए मदद रोककर उन्हें (पाक को) एक मौका दिया गया। अगर वे खुद को बदल लेते हैं और समस्या के समाधान के लिए आगे आते हैं तो अमेरिका दोबारा पाकिस्तान के साथ एक साझेदार के तौर पर संबंध बढ़ाने को तैयार है, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो हम अमेरिका की सुरक्षा करने जा रहे हैं।
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