इमरान की सत्ता के खतरे के बीच, पाक सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- भारत के साथ सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने को तैयार
जनरल बाजवा ने कहा कि मेरा मानना है कि यह क्षेत्र के राजनीतिक नेतृत्व के लिए अपने भावनात्मक और अवधारणात्मक पूर्वाग्रहों से ऊपर उठने और इतिहास की बेड़ियों को तोड़ने का समय है ताकि क्षेत्र के लगभग तीन अरब लोगों को शांति और समृद्धि मिल सके।

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में हैं। विपक्षी पार्टियों के निशाने में आए इमरान खान अब भारत की विदेश नीति की तारीफ कर रहे हैं। इस बीच, पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट के बीच सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को कहा कि अगर भारत इच्छा जताए तो उनका देश कश्मीर समेत विवाद के सभी मुद्दों का बातचीत व कूटनीति के जरिये समाधान निकालने के लिए तैयार है।
दो दिवसीय 'इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता' के समापन कार्यक्रम में जनरल बाजवा ने कहा, 'खाड़ी क्षेत्र समेत दुनिया का एक तिहाई हिस्सा किसी न किसी रूप में संघर्ष और युद्ध में शामिल है। ऐसे में यह अहम है कि हम अपने क्षेत्र से युद्ध की लपटों को दूर रखें।' वार्ता में पाकिस्तान के अलावा कई देशों के नीति विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
थलसेना प्रमुख ने कहा, 'पाकिस्तान कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने में भरोसा रखता है। अगर भारत ऐसा करने के लिए सहमत होता है, तो हमारा देश इस मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।' जनरल बाजवा का भारत के साथ शांति प्रस्ताव का व्यापक अर्थ है, क्योंकि वह परोक्ष रूप से भारत, पाकिस्तान व चीन की त्रिपक्षीय वार्ता की सलाह दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद भी पाकिस्तान के लिए गहरी चिंता का विषय है। सभी मुद्दों का बातचीत व कूटनीति के जरिये जल्द समाधान किया जाना चाहिए।
राजनीतिक नेतृत्व को पूर्वाग्रहों से उठना चाहिए ऊपर: बाजवा
जनरल बाजवा ने कहा, 'मेरा मानना है कि क्षेत्र में शांति व संपन्नता लाने के लिए राजनीतिक नेतृत्व को पूर्वाग्रहों से ऊपर उठना चाहिए। यह क्षेत्र के करीब तीन अरब लोगों के हित में होगा।' पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख ने भारत पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप भी लगाया।
नौ मार्च को गलती से मिसाइल चलने के मामले में जनरल बाजवा ने कहा कि भारत को पाकिस्तान समेत दुनियाभर के सामने यह साक्ष्य उपलब्ध कराना चाहिए कि भारतीय हथियार सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, 'यह पहला मौका है, जब किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश की सुपरसोनिक मिसाइल दूसरे देश में गिरी है।' भारत 11 मार्च को ही खेद जताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे चुका है।
सैन्य प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर शांति के कारण लोगों का जीवन आसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि भारत व पाकिस्तान ने फरवरी में ही नियंत्रण रेखा समेत अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम के सख्त अनुपालन की प्रतिबद्धता जताई है।
अमेरिका से संबंधों पर कहा, गुटबंदी की राजनीति पर विश्वास नहीं
जनरल बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ दीर्घ व उत्कृष्ट रणनीतिक संबंध हैं, लेकिन उनका देश गुटबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। पाकिस्तान के अपने भागीदारों के साथ द्विपक्षीय संबंध अन्य देशों के साथ संबंधों पर निर्भर नहीं करते। सैन्य प्रमुख ने कहा, 'पाकिस्तान के चीन से करीबी रणनीतिक संबंध हैं और यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के प्रति देश की प्रतिबद्धता से जाहिर होता है। दूसरी तरफ, अमेरिका हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है।' उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका का नाम लिए बगैर विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को 'विदेशी साजिश' का परिणाम बताया है।
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