Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कंगाल पाकिस्तान चीन की सुरक्षा के लिए खर्च करेगा अरबों रुपए, अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा है मामला

    Updated: Fri, 04 Oct 2024 03:15 PM (IST)

    अब पाकिस्तान सरकार ने चीन की मदद करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान ने मुख्य रूप से नकदी संकट से जूझ रहे देश में चीनी हितों की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बाड़ लगाने का प्रबंधन करने की क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के लिए अतिरिक्त 45 अरब रुपये का बजट प्रदान करने का निर्णय लिया।

    Hero Image
    पाकिस्तान करेगा चीन की मदद (फाइल फोटो)

    पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रहा है, ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने चीन की मदद करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान ने मुख्य रूप से नकदी संकट से जूझ रहे देश में चीनी हितों की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बाड़ लगाने का प्रबंधन करने की क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के लिए अतिरिक्त 45 अरब रुपये का बजट प्रदान करने का निर्णय लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय गुरुवार को कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने की। मिली जानकारी के मुताबिक, 45 अरब रुपये में से 35.4 अरब रुपये की राशि सेना को और 9.5 अरब रुपये की राशि नौसेना को विभिन्न उद्देश्यों के लिए दी जाएगी।

    ईसीसी ने प्रस्ताव पर किया विचार

    ईसीसी ने रक्षा सेवाओं की पहले से स्वीकृत परियोजनाओं के लिए 45 अरब रुपये के तकनीकी अनुदान के लिए रक्षा प्रभाग की तरफ से प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचार किया और मंजूरी दे दी।

    जून में बजट की मंजूरी के बाद सशस्त्र बलों के लिए स्वीकृत यह दूसरा प्रमुख प्रस्ताव है। इससे पहले ईसीसी ने ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकम के लिए 60 अरब रुपये दिए थे। ये पूरक अनुदान (Supplementary Grants) 2.127 ट्रिलियन रुपये के रक्षा बजट के अतिरिक्त हैं।

    समझौते पर हस्ताक्षर करने की मांग

    आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या के कारण चीन ने अपनी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आतंकवाद विरोधी सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की मांग की है। चीन ने पाकिस्तान में पहले से ही काम कर रहे या सीपीईसी चरण II के दौरान लगे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक संयुक्त कंपनी की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है।

    पहले चरण के तहत, दोनों पक्षों ने 25.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की 38 परियोजनाएं पूरी की हैं। पेपर के अनुसार, इनमें से ऊर्जा क्षेत्र में 18 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की 17 परियोजनाएं पूरी हो गईं।

    26 परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं

    26.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लगभग 26 परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं और उनमें से कई को सीपीईसी चरण II में शामिल किया गया है। चीन ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि बैलिस्टिक सुरक्षात्मक वाहनों पर एक परियोजना शुरू करने के अलावा दूसरे चरण में वाहन पर लगे मोबाइल सुरक्षा उपकरण परियोजना को भी शामिल किया जाना चाहिए।

    चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना है, जिसे 2015 में चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था।

    यह भी पढ़ें: ईरान में मोसाद का खौफ! अयातुल्ला खामेनेई को अब किसी पर भरोसा नहीं, शुरू की अपनी ही सेना की जांच