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इमरान खान को नजर नहीं आ रही सिंध में कराहती इंसानियत... छह माह में 70 हत्‍याएं

पूरी दुनिया में खुद को मानवाधिकारों के पैरोकार बनने की नाकाम कोशिश कर रहे इमरान खान को पाकिस्‍तान के सिंध में महिलाओं की हत्‍याएं दिखाई नहीं दे रही हैं। पढ़ें सनसनीखेज रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 03:42 PM (IST)
इमरान खान को नजर नहीं आ रही सिंध में कराहती इंसानियत... छह माह में 70 हत्‍याएं
इमरान खान को नजर नहीं आ रही सिंध में कराहती इंसानियत... छह माह में 70 हत्‍याएं

कराची, आइएएनएस। ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया में खुद को मानवाधिकारों के पैरोकार बनने की नाकाम कोशिश कर रहे इमरान खान को पाकिस्‍तान में लोगों के साथ हो रही उत्‍पीड़न की घटनाएं दिखाई नहीं दे रही हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के हवाले से एक सनसनीखेज खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत (Pakistan's Sindh province) में बीते छह महीने में सम्‍मान के नाम पर 78 लोगों हत्‍याएं (Honour Killing) कर दी गई हैं।

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हालांकि, जनवरी से जून 2019 तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सिंध प्रांत के विभिन्‍न इलाकों में ऑनर कीलिंग के 65 मामले दर्ज किए गए। हैरानी की बात यह कि इनमें से 90 फीसदी मामलों में तो केस भी लंबित हैं। अखबार डॉन की रिपोर्ट कहती है कि अधिकांश मामलों में तो पुलिस किसी नतीजे पर पहुंची ही नहीं। ऐसे में न्‍याय मिलने की बात तो बेमानी ही लगती है। सम्‍मान के नाम पर जिन 78 लोगों की हत्‍याएं की गई उनमें 50 महिलाएं थी।

प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह है कि ऑनर कीलिंग के इन मामले में केवल 60 केस में ही चार्जशीट दाखिल किए गए हैं। पाकिस्‍तानी अदालतों में सुनवाई की रफ्तार वहां मानवाधिकारों की दुर्दशा की दास्‍तां बयां करती है। आलम यह है कि 57 मामले अदालतों में विभिन्‍न कारणों को लेकर पेंडिंग हैं। अधिकांश मामलों में हत्‍या के आरोपी नजदीकी रिश्‍तेदार हैं। ऐसे में उनके छूट जाने की आशंकाएं बरकरार हैं। वहीं सिंध के आईजी सैयद कलीम इमाम ऐसी घटनाओं के लिए कबीलाई संस्‍कृति को जिम्‍मेदार ठहराते हैं।

यही नहीं एक अन्‍य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में हुई हिंदू विरोधी हिंसा एक साजिश का नतीजा थी। इस दंगे की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट में जो खुलासे किए हैं वे हैरान करते हैं। रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि 15 सितम्बर को घोटकी दंगे में दंगाइयों ने हिंदू समुदाय की दुकानों में लूटपाट की थी और उन्‍हें नष्‍ट किया था। यही नहीं दंगाइयों ने मंदिर और हिंदू समुदाय के घरों को भी निशाना बनाया था।

अब सवाल उठता है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में मानवाधिकारों के हनन के झूठे आरोप लगाने वाले इमरान खान को अपने मुल्‍क में हो रही इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटनाएं क्‍यों नहीं द‍िखाई देती हैं। इमरान खान जिस तरह से महिलाओं के खिलाफ होने वाले उत्‍पीड़नों की बात करते हैं। उन्‍हें पीओके, ब‍लूचिस्‍तान में महिलाओं के साथ पाकिस्‍तानी सेना द्वारा की जा रही उत्‍पीड़न की घटनाएं क्‍यों नहीं द‍िखती हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, बीते दिनों अमेरिका की ओर से भी सवाल उठाए गए थे कि इमरान खान को चीन में उइगर मुस्लिमों का उत्‍पीड़न क्‍यों नहीं नजर आता है...? 


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