आतंक के 6 साल बाद पाकिस्तान लौटीं मलाला, तालिबान ने सिर पर मारी थी गोली
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई गुरुवार को पाकिस्तान लौट गई हैं
इस्लामाबाद, (एएफपी)। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई छ: साल बाद अपने देश पाकिस्तान लौट गई हैं। तालिबानी आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद मलाला पहली बार पाकिस्तान पहुंची। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार मलाला गुरुवार की सुबह दुबई के रास्ते अपने देश पहुंची। बता दें कि छ: साल पहले 2012 में लड़कियों के लिए शिक्षा की वकालत करने पर तालिबानी आतंकियो ने मलाला पर हमला किया था और उन्हें सिर पर गोली मारी थी। इस घटना के बाद मलाला पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर हो गई थी और इंग्लैंड में रह रहीं थीं।
मलाला के इस कार्यक्रम को सुरक्षा के लिहाज से काफी गुप्त रखा गया है। मलाला युसुफजई को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे निकलते देखा गया है। यह जानकारी वहां के लोकल मीडिया ने, फोटोग्राफ्स के आधार पर दी है। पाकिस्तान आगमन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विमान से उतरने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एक स्थानीय होटल में ले जाया गया।
पाकिस्तानी पीएम से कर सकती हैं मुलाकात
स्थानीय मीडिया के अनुसार मलाला चार दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान वह पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकन अब्बासी से भी मुलाकात करेंगी। जानकारी के मुताबिक, मलाला अपने परिवार और मलाला फंड के सीईओ के साथ 'मीट द मलाला' कार्यक्रम में भी शामिल होंगी
तालिबानियों का हुई थीं शिकार
आपको बता दें कि, लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए आगे आईं 20 वर्षीय मलाला पर 2012 में पाकिस्तानी तालिबानी ने हमला किया था। मलाला युसूफजई तब महज 15 साल की थीं जब तालिबान के एक बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी थी। स्वात घाटी में उस वक्त मलाला अपने स्कूल की परीक्षा दे कर गांव वापस जा रही थीं। मलाला ने पाकिस्तान की लड़कियों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने की कोशिश की थी। इस हमले के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए बर्मिंघम ले जाया गया और तब से वह अपने पूरे परिवार के साथ बर्मिंघम में ही रह रही हैं। यहीं से उनकी पढ़ाई और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने का अभियान चल रहा है।
2014 में बनीं सबसे कम उम्र की नोबेल प्राइज विनर
पाकिस्तान की नोबेल पुरष्कार विजेली मलाला युसुफजई ने फिलहाल ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया है। जहां वे दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही हैं। मलाला युसूफजई को 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। उस वक्त मलाला की उम्र महज 17 साल थी और वो नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की सूची में सबसे कम उम्र की विजेता हैं।