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    नवाज शरीफ को फिर मिल सकती है पार्टी की कमान

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Sun, 01 Oct 2017 12:21 PM (IST)

    ऐसा संसद में कानून में संशोधन के लिए रखे गए एक प्रस्ताव के पारित होने पर संभव होगा।

    नवाज शरीफ को फिर मिल सकती है पार्टी की कमान

    इस्लामाबाद, प्रेट्र : पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रधानमंत्री पद से हटे नवाज शरीफ अगले सप्ताह अपनी पार्टी पीएमएल-एन के अध्यक्ष बन सकते हैं। ऐसा संसद में कानून में संशोधन के लिए रखे गए एक प्रस्ताव के पारित होने पर संभव होगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित हो चुका व्यक्ति भी किसी राजनीतिक दल का प्रमुख बन सकता है।

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    पनामा पेपर लीक मामले में 28 जुलाई को संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित ठहराए जाने के बाद शरीफ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते उन्हें अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज का अध्यक्ष पद भी गंवाना पड़ा था। 22 सितंबर को उनकी पार्टी की ओर से रखे गए चुनाव प्रक्रिया सुधार विधेयक 2017 को संसद के उच्च सदन सीनेट ने पारित कर दिया। इसके अनुसार सरकारी कर्मचारी के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी में पद ग्रहण कर सकता है। उस पर किसी तरह की अन्य बाध्यता नहीं होगी। नया नियम उस कानून का स्थान लेगा जिसके अनुसार किसी पार्टी का मुखिया बनने के लिए व्यक्ति को संसद का चुना हुआ सदस्य होना अनिवार्य था।

    पर्यावरण मंत्री मुशाहिदुल्ला खान के अनुसार अब इस प्रस्ताव को निचले सदन अर्थात नेशनल असेंबली में सोमवार को पेश किया जाएगा। वहां पर इस प्रस्ताव के आसानी से पारित होने की उम्मीद है क्योंकि वहां पर पीएमएल-एन का स्पष्ट बहुमत है। दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहां पर उनके दस्तखत के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इस कानून के लागू होते ही नवाज शरीफ के फिर से पार्टी अध्यक्ष बनने की राह खुल जाएगी। खान ने बताया कि दो अक्टूबर को पार्टी की जनरल कौंसिल की बैठक बुलाई गई है जिसमें पार्टी संविधान में संशोधन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे पहले पार्टी की सेंट्रल वर्किग कमेटी की बैठक होगी। दोनों बैठक होने के बाद तीन अक्टूबर को पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद नवाज शरीफ को पार्टी और सरकार पर नियंत्रण करने का अधिकार मिल जाएगा। लेकिन जो संकेत हैं उनके अनुसार संसद के इस संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की रूपरेखा भी विपक्षी दल बना रहे हैं।

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