तालिबान में नेतृत्व को लेकर मतभेद, मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने संभाली कमान
कई वरिष्ठ सदस्यों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने अंतरिम कमांडर के तौर पर तालिबान की कमान संभाल ली है।
काबुल, एएनआइ। नेतृत्व को लेकर मतभेदों और कई वरिष्ठ सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने अंतरिम कमांडर के तौर पर तालिबान की कमान संभाल ली है। अफगानिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के पूर्व निदेशक रहमतुल्ला नबील ने ट्वीट कर बताया, 'मुल्ला याकूब (मुल्ला उमर का बेटा) ने तालिबान आंदोलन की कमान संभाल ली है और वर्तमान में इसका नेतृत्व कर रहा है। उभरते मतभेदों की वजह से तालिबान नेतृत्व परेशान है।
कई नेता कोविड-19 से संक्रमित हैं। दोहा में राजनीतिक कार्यालय से कई सदस्यों को हटा दिया गया है और उन्हें वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा।' तालिबान में नेतृत्व का संकट ऐसे समय गहराया है जब अमेरिका फरवरी में तालिबान के साथ किए द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक अपने सैनिक वापस बुला रहा है। नबील का कहना है कि मुल्ला याकूब को आगे बढ़ाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ कुछ वरिष्ठ सदस्यों की भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रही है जो अफगानिस्तान में रहते थे और जिन्हें अफगानिस्तान के प्रति कुछ सहानुभूति है।
बता दें कि 2015 में अपने पिता मुल्ला उमर की मौत के बाद याकूब उनकी जगह ले पाने में नाकाम रहा था और उसके बाद से ही वह अपनी ताकत बढ़ा रहा है। पिता की जगह तालिबान प्रमुख बनाने के बजाय उसे 2016 में अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 15 के लिए आंदोलन के सैन्य आयोग का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया था। वरिष्ठ सदस्यों हैबतुल्ला अखुंदजादा और सिराजुद्दीन हक्कानी की बीमारी ने अप्रत्यक्ष रूप से उसे तालिबान पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने का मौका प्रदान कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के मुताबिक, कैदियों की अदला-बदली को लेकर आतंकी संगठन तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच फिर से बातचीत शुरू हो गई है। ऐसे समय जब तालिबान ने संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने के लिए अफगान सरकार और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की अपील को मानने से इन्कार कर दिया है और मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब ने अंतरिम कमांडर के तौर पर तालिबान की कमान संभाल लिया है... शांति बहाली की कोशिशें कितनी परवान चढ़ेंगी कहना मुश्किल है।