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    Pakistan-China: चीन के कोरिडोर को पटरी से उतारने के लिए इमरान ने खाड़ी देश से लिए पैसे, मौलाना रहमान ने किया बड़ा दावा

    By Mahen KhannaEdited By:
    Updated: Mon, 01 Aug 2022 04:51 PM (IST)

    Pakistan News पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने इमरान खान पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम इमरान ने चीन-पाकिस्तान इकोनमिक कोरिडोर को पटरी से उतारने और ग्वादर पोर्ट परियोजना को डूबोने के लिए एक खाड़ी देश से पैसे लिए थे।

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    पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान का इमरान पर आरोप।

    इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने आज पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि चीन-पाकिस्तान इकोनमिक कोरिडोर (CPEC) को पटरी से उतारने और ग्वादर पोर्ट परियोजना को डूबोने के लिए एक खाड़ी देश ने पूर्व पीएम इमरान खान को पैसे दिए।

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    सीपीईसी एक रोड ही नहीं एक पूरा आर्थिक पैकेज था

    जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जमात उलमा-ए-इस्लाम (एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले में बुजुर्ग आदिवासियों की सभा जिरगा में भाग लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि अबराज ग्रुप को दिए गए पैसे में इस खाड़ी देश का भी हिस्सा है। रहमान ने कहा कि सीपीईसी एक रोड ही नहीं एक पूरा आर्थिक पैकेज था। इसी प्रकार ग्वादर एशिया का दूसरा सबसे गहरे समुद्र में स्थित बंदरगाह है। कुछ देश इससे खतरा महसूस करते थे।

    पूर्व पीएम अब्बासी पर भारतीय कंपनी से घूस लेने का आरोप

    दूसरी ओर पीटीआइ प्रमुख इमरान खान के चीफ आफ स्टाफ शहबाज गिल ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम शाहिद खकान अब्बासी पर एक भारतीय कंपनी से 14 करोड़ पाकिस्तानी रुपये घूस लेने का आरोप लगाया है। दावा किया कि अब्बासी ने यह पैसे नवाज शरीफ सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहने के दौरान लिए।

    चीन सरकार कई बार पाकिस्‍तान को खरी-खोटी सुना चुकी

    बता दें कि चीनी सरकार कई बार पाक को इस प्रोजेक्ट के रद होने के लिए खरी खोटी सुना चुकी है। इसी के चलते पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा को भी अपने चीन दौरे पर सीपीईसी को लेकर काफी कुछ सुनना पड़ा था। चीन सीपीईसी परियोजना में अरबों डालर का निवेश कर रहा है ताकि अपने शिंजियांग प्रांत को सीधे अरब सागर से जोड़ दिया जाए। इससे वह मलक्‍का स्‍ट्रेट में अमेरिकी-भारतीय दबाव से बच जाएगा। चीन की कोशिश है कि ग्‍वादर में एक नेवल बेस भी बनाया जाए।