जम्मू-कश्मीर में अनुछेद 370 खत्म होने पर बौखलाया मसूद अजहर, जानें- क्या कहा
Article 370 -जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति छीनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कश्मीर पर अपनी हार स्वीकार कर ली है। ...और पढ़ें

इस्लामाबाद, एजेंसी । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद पुलवामा हमले का आरोपी और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (Jaish-e-Mohammad) का सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) का बयान भी सामने आया है। उसने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति छीनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कश्मीर पर अपनी हार स्वीकार कर ली है। उसके इस बयान में कश्मीर को लेकर हताशा और निराशा साफ-साफ देखी जा सकती है। आतंकी अजहर के बयान से यह साफ हो गया है कि गुलाम कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों में कितनी निराशा व्याप्त है। इसके साथ उसकी इस प्रतिक्रिया से यह भी साफ हो गया है किे कश्मीर घाटी में उनकी क्या दिलचस्पी है।
सात अगस्त को टेलीग्राम पर प्रसारित एक कथित संदेश के अनुसार आतंकी अजहर ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद को निरस्त करने के फैसला लेकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। इस फैसले के खिलाफ उसने जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है। उसने कहा कि कश्मीर में मुस्लिमों के हित सुरक्षित नहीं है।
बता दें कि आतंवादी मसूद अजहर पुलवामा हमले का मुख्य आराेपी है। पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डाल दिया था। यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत थी। भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयास किए थे। इस आतंकी घटना में 40 सुरक्षा बल के जवान मारे गए थे।
सात अगस्त को टेलीग्राम पर प्रसारित एक कथित संदेश के अनुसार आतंकी अजहर ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद को निरस्त करने के फैसला लेकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। इस फैसले के खिलाफ उसने जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है। उसने कहा कि कश्मीर में मुस्लिमों के हित सुरक्षित नहीं है।
बता दें कि आतंवादी मसूद अजहर पुलवामा हमले का मुख्य आराेपी है। पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डाल दिया था। यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत थी। भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयास किए थे। इस आतंकी घटना में 40 सुरक्षा बल के जवान मारे गए थे।

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