Maryam Nawaz: पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक महिला बनीं पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री, PTI के नेता को दी करारी हार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री वरिष्ठ पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज को बनाया गया। पीएमएल-एन ने चुनाव से पहले X पर एक पोस्ट में कहा कि हमारे देश के इतिहास में पहली बार एक महिला पंजाब की सीएम बनेगी। मरियम नवाज शरीफ पंजाब की सीएम पद की शपथ लेने वाली पहली महिला होंगी! पीएमएल-एन नेता ने पीटीआई समर्थित एसआईसी के राणा आफताब को हराकर चुनाव जीता है।

पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री वरिष्ठ पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज को बनाया गया। बता दें कि मरियम तीन बार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी हैं।
50 वर्षीय उपाध्यक्ष मरियम ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी समर्थित सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के सांसदों के बहिर्गमन के बीच मुख्यमंत्री पद का चुनाव जीता है।
PTI नेता को हराया
पीएमएल-एन नेता ने पीटीआई समर्थित एसआईसी के राणा आफताब को हराकर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री चुनाव जीता। बता दें कि पंजाब प्रांत में 120 मिलियन लोग रहते हैं।
मां के कब्र का किया दौरा
मरियम ने पंजाब विधानसभा में जाने से पहले जती उमरा में अपनी मां की कब्र का दौरा किया। सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पीएमएल-एन ने बताया कि मरियम ने अपने नाना-नानी की कब्रों का भी दौरा किया। पीएमएल-एन ने चुनाव से पहले X पर एक पोस्ट में कहा 'हमारे देश के इतिहास में पहली बार, एक महिला पंजाब की सीएम बनेगी। मरियम नवाज शरीफ पंजाब की सीएम पद की शपथ लेने वाली पहली महिला होंगी!'
याचिकाएं न सिर्फ अदालत का समय बर्बाद करती हैं बल्कि..
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिकाकर्ता पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने के लिए अपील दायर करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जिसने नोटिस जारी करने के बाद पदोन्नति से संबंधित उसकी याचिका स्थगित कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं न सिर्फ अदालत का समय बर्बाद करती हैं बल्कि लंबित मामलों को भी बढ़ाती है।
प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस संदीप मेहता की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने नोटिस जारी करने या स्थगन देने के हाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की। शीर्ष कोर्ट ने कहा 'हमने ऐसी कई विशेष अनुमति याचिकाएं देखी हैं जो केवल नोटिस जारी करने, स्थगन देने या अंतरिम संरक्षण देने से इन्कार करने वाले आदेशों के खिलाफ दायर की गई हैं। ऐसी याचिकाएं कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग के अलावा और कुछ नहीं हैं और ये अदालत का कीमती समय बर्बाद करती हैं और लंबित मामलों को बढ़ाती हैं।'
18 जनवरी, 2024 को जारी किया गया नोटिस
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि एक लाख की जुर्माना राशि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और हाई कोर्ट के एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन में जमा की जाए। इस मामले में याचिकाकर्ता ने उस आदेश को रद करने की याचिका के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें पदोन्नति के लिए उसका मामला खारिज कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने 18 जनवरी, 2024 को एक नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया कि मामले पर विचार की आवश्यकता है और इसे आठ अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।
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