Pervez Musharraf: दिवंगत सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को मौत के बाद भी नहीं मिली माफी, देशद्रोह मामले में SC ने रखी मौत की सजा बरकरार
Pervez Musharraf पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिवंगत पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को उच्च राजद्रोह मामले में 2019 में एक विशेष अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फ़ैज़ ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने इसकी सुनवाई की। जिसमें न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह शामिल थे।

पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिवंगत पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ को उच्च राजद्रोह मामले में 2019 में एक विशेष अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने इसकी सुनवाई की। जिसमें न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह शामिल थे।
वर्ष 1999 के करगिल युद्ध के सूत्रधार मुशर्रफ की फरवरी 2023 में लंबी बीमारी के चलते दुबई में मौत हो गई थी। 79 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति का दुबई में अमाइलॉइडोसिस का इलाज चल रहा था। वह अपने देश में आपराधिक आरोपों से बचने के लिए 2016 से स्व-निर्वासन में संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे थे।
17 दिसंबर 2019 को सुनाई गई थी मौत की सजा
नवंबर 2007 में पीएमएल-एन पार्टी के कार्यकाल के दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ के द्वारा आपातकाल लगाने के उनके "असंवैधानिक" निर्णय के लिए पूर्व शासक पर उच्च राजद्रोह का आरोप लगाया गया था। उन्हें 17 दिसंबर, 2019 को मौत की सजा सुनाई गई थी।
कई नोटिसों पर भी मामले का पालन नहीं किया- SC
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए टिप्पणी की, "परवेज मुशर्रफ के उत्तराधिकारियों ने कई नोटिसों पर भी मामले का पालन नहीं किया।"
मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर ने कहा कि अदालत द्वारा अपील पर सुनवाई करने का फैसला करने के बाद उन्होंने मुशर्रफ के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन परिवार ने कभी उन्हें जवाब नहीं दिया।
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