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    भारत-पाकिस्तान के बीच हुई 'परमाणु जंग' तो द्वितीय युद्ध में मारे गए लोगों से भी ज्यादा की जाएगी जान

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Thu, 03 Oct 2019 03:10 PM (IST)

    भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होते हैं तो 50 से 125 मिलियन(12 करोड़ से ज्यादा) से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठेंगे।

    भारत-पाकिस्तान के बीच हुई 'परमाणु जंग' तो द्वितीय युद्ध में मारे गए लोगों से भी ज्यादा की जाएगी जान

    वॉशिंगटन, पीटीआइ। भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को जंग जैसे हालात हैपाकिस्तान कई बार भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दे चुका है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो अंजाम कितना भयवाह होगा, शायद इसकी कल्पना पाक पीएम इमरान खान ने नहीं की होगी। एक अध्ययन के अनुसार, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होते हैं, तो 50 से 125 मिलियन(12 करोड़ से ज्यादा) से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठेंगे। यह आंकड़ा 6 साल तक चले द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए लोगों से भी कई ज्यादा है। परमाणु युद्ध के बाद वैश्विक व्यापक भुखमरी फैल सकती है।

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    अमेरिका में रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रंसविक के सह-लेखक एलन रोबॉक ने कहा, 'इस तरह के युद्ध से न केवल उन स्थानों को खतरा होगा, जहां बमों को निशाना बनाया जा सकता है, बल्कि पूरी दुनिया को भी इससे नुकसान होने वाला हैं।' जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले युद्ध होने की संभावना जताई गई है।

    स्टडी में कहा गया, दोनों पड़ोसी देशों ने कश्मीर पर कई युद्ध किए हैं। वे 2025 तक 400 से 500 परमाणु हथियारों को हासिल करे लेंगे। रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकर्ताओं ने पाया कि विस्फोट करने वाले परमाणु हथियार 16 से 36 मिलियन टन कालिख - छोटे काले कार्बन कणों को धुएं में छोड़ सकते हैं - जो ऊपरी वायुमंडल तक बढ़ सकते हैं और हफ्तों के भीतर दुनिया भर में फैल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, कालिख, सौर विकिरण(solar radiation) को अवशोषित(absorb) करेगा, और हवा को गर्म करेगा, जिससे धुएं का तेजी से विकास होगा।

    इस प्रक्रिया में, अध्ययन करते हुए कहा गया है कि पृथ्वी तक पहुंचने वाली धूप 20 से 35 प्रतिशत तक घट जाएगी, जिससे हमारे ग्रह की सतह 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक ठंडी हो जाएगी। कहा गया कि दुनिया भर में बारिश में भी 15 से 30 फीसदी तक की कमी आ सकती है, ऐसा होने पर। शोधकर्ताओं ने कहा कि जमीन पर 15 से 30 प्रतिशत तक वनस्पति विकास में गिरावट होगी, और महासागरों में उत्पादकता में 5 से 15 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है।

    कुल मिलाकर, अध्ययन में कहा गया है कि इन सभी प्रभावों से उबरने में दस साल से अधिक समय लगेगा क्योंकि धुआं ऊपरी वातावरण में मौजूद होगा। रॉबॉक ने कहा, 'नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन पाकिस्तान और भारत तेजी से अपने हथियारों को बढ़ा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि दो परमाणु हथियार संपन्न देशों, जो विशेष रूप से कश्मीर पर लड़ रहे है। उन्होंने परमाणु युद्ध के परिणामों को समझना होगा। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि परमाणु युद्ध के परिणाम जो भी हो, लेकिन इससे दुनिया भर में बड़े पैमाने पर भुखमरी से अतिरिक्त मौतें भी संभव हैं।

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