500 रुपये चंदा, ऑनलाइन फॉर्म और जिहाद की ट्रेनिंग...महिलाओं को आतंकी बनाने में जुटा जैश; मसूद अजहर की बहन का 'नापाक प्लान'
पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स में दाखिला लेने वाली महिलाओं से चंदा लिया जा रहा है। मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व कर रही है। संगठन को मजबूत करने के लिए महिलाओं को जिहाद का पाठ पढ़ाया जाएगा। जैश-ए-मोहम्मद पूरे पाकिस्तान में नए मरकज बनाने के लिए धन उगाही कर रहा है।

महिलाओं को आतंकी बनाने में जुटा जैश (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा हाल ही में 'जमात-उल-मोमिनात' नाम से अपनी पहली महिला ब्रिगेड के गठन की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद इसने अब 'तुफात अल-मोमिनात' नाम से एक आनलाइन ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया है।
इसका उद्देश्य धन जुटाना और अधिक से अधिक महिलाओं की भर्ती करना है। इस कोर्स में दाखिला लेने वाली हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये का चंदा भी लिया जा रहा है और उनसे एक आनलाइन सूचना फार्म भी भरवाया जा रहा है।
इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करेगी, जिसका पति यूसुफ अजहर सात मई को आपरेशन सिंदूर में मारा गय था, जब भारतीय सेना ने मरकज सुभानअल्लाह स्थित जैश के मुख्यालय पर हमला किया था।
आठ नवंबर से शुरू होने वाला है महिलाओं का भर्ती अभियान
सूत्रों के अनुसार, संगठन को मजबूत करने और ज्यादा महिलाओं की भर्ती के लिए जैश आतंकियों (जिनमें मसूद अजहर और उसके कमांडरों के रिश्तेदार भी शामिल हैं) के परिवारों की महिला सदस्य जिहादी कोर्स में दाखिला लेने वाली महिलाओं को जिहाद, धर्म और इस्लाम के नजरिये से उनके कर्तव्यों का पाठ पढ़ाएंगी।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, आनलाइन लाइव व्याख्यानों के जरिये भर्ती अभियान आठ नवंबर से शुरू होने वाला है। सूत्रों ने बताया, "मसूद अजहर की दो बहनें - सादिया और समायरा आनलाइन मीटिंग प्लेटफार्म के जरिये रोजाना 40 मिनट तक महिलाओं को जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड जमात-उल-मोमिनात में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।"
ठिकानों, कैडर को फिर से मजबूत करने के लिए चंदा देने की अपील
पहलगाम हमले के जवाब में आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना के हवाई हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय नष्ट कर दिए गए थे। तब से ये संगठन किसी भी भारतीय हमले से बचने के लिए रणनीतिक रूप से अपने ठिकानों को पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) में स्थानांतरित कर रहे हैं। इसके अलावा, इन आतंकी संगठनों के सरगना तब से प्रोपेगेंडा वीडियो भी बना रहे हैं और अपने ठिकानों तथा कैडर को फिर से मजबूत करने के लिए चंदा देने की अपील कर रहे हैं।
चंदा इकट्ठा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है मसूद अजहर
सूत्रों ने बताया है कि मसूद अजहर चंदा इकट्ठा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है और 27 सितंबर को बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में अपने हालिया भाषण में उसने धन की अपील की थी। अब, जैश-ए-मोहम्मद इस कोर्स में दाखिला लेने वाली हर महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये का चंदा भी ले रहा है और उनसे एक आनलाइन सूचना फार्म भी भरवा रहा है।
इस महीने की शुरुआत में आठ अक्टूबर को मसूद अजहर ने जैश की महिला ब्रिगेड जमात-उल-मोमिनात के गठन की घोषणा की थी और 19 अक्टूबर को गुलाम जम्मू-कश्मीर के रावलकोट में महिलाओं को संगठन में शामिल करने के लिए "दुख्तरान-ए-इस्लाम" नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
आत्मघाती हमलावरों के रूप में महिलाओं को इस्तेमाल करने का भी रहा है इतिहास
ISIS, बोको हराम, हमास और लिट्टे जैसे आतंकी संगठनों का महिलाओं को आत्मघाती हमलावरों के रूप में इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन ऐसा करने से अब तक बचते रहे हैं।
लेकिन, अब सूत्रों का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद का यह ताजा कदम भविष्य के आतंकी अभियानों में महिला आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षित करने और उनका इस्तेमाल करने के उसके इरादे का संकेत देता है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि एक ओर पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है और दावा करता है कि वह एफएटीएफ के नियमों को लागू करता है।
वहीं दूसरी ओर, अपनी ही धरती पर वह इन आतंकी संगठनों का समर्थन और प्रचार करता है, जो खुलेआम 'मरकज (केंद्रों)' की आड़ में चंदा मांगते हैं। जैश-ए-मोहम्मद ने पूरे पाकिस्तान में 313 नए मरकज बनाने के लिए 3.91 अरब रुपये इकट्ठा करने के लिए ईजीपैसा के जरिये एक आनलाइन धन उगाही अभियान भी शुरू किया है।
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार
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