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    जैश-ए-मोहम्मद में अब होगी महिलाओं की भर्ती, ऑपरेशन सिंदूर में बर्बाद होने के बाद मसूद अजहर की नई चाल

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 03:04 PM (IST)

    जैश-ए-मोहम्मद संगठन अब महिलाओं को भर्ती करने की योजना बना रहा है। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर में संगठन को हुए नुकसान के बाद उठाया जा रहा है, जिससे मसूद अजहर जैसे नेता चिंतित हैं। महिलाओं की भर्ती का उद्देश्य संगठन को फिर से मजबूत करना है। यह रणनीति सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकती है।

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    जैश-ए-मोहम्मद में अब होगी महिलाओं की भर्ती। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिश रचने वाले जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में लगा है। इस प्रतिबंधित आतंकी संगठन ने अपनी पहली महिला शाखा के गठन की घोषणा की है।

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    दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट किया था। मसूद अजहर के नेतृत्व वाले इस आतंकी संगठन समूह ने हमेशा से महिलाओं को सशस्त्र या युद्ध अभियानों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया है। हालांकि, वह अब इसमें एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है।

    जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन में महिलाओं की भर्ती करेगा मसूद अजहर

    माना जा रहा है कि मसूद अजहर के नेतृत्व वाले इस आतंकवादी समूह ने बुधवार को जमात-उल-मोमिनात के गठन के माध्यम से अपनी रणनीति में बदलाव की घोषणा की। इससे पहले ये आतंकी संगठन महिलाओं की भर्ती की अनुमति नहीं देता था। बताया जा रहा है कि इस प्रतिबंधित आतंकी संगठन में महिलाओं की भर्ती बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली से शुरू हुई।

    एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि महिलाओं की इस विंग का नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करेंगी। मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मरकज सुभानअल्लाह स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर भारतीय सेना द्वारा किए गए हमले में मारा गया था।

    गरीब महिलाओं को संगठन में किया जा रहा शामिल

    सूत्रों के मुताबिक इस संगठन ने अपने कमांडरों की पत्नियों के साथ-साथ बहावलपुर, कराची, मुजफ्फराबादस कोटली, हरिपुर और मनसेहरा स्थित अपनें केंद्रों में पढ़ने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की भर्ती करना भी शुरू कर दिया है।

    गौरतलब है कि आईएसआईएस, बोको हराम, हमास और लिट्टे जैसे आतंकवादी समूह पहले से महिलाओं को संगठन में शामिल करते रहे हैं। हालांकि, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे आतंकवादी संगठन महिलाओं को नहीं शामिल करते थे।

    भारत में तमाम हमलों में शामिल रहा है जेश-ए-मोहम्मद

    उल्लखनीय है कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा है, जिनमें 2001 का संसद हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल है।

    बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब प्रांत में लगभग 100 किलोमीटर अंदर बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को निशाना बनाया था।

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