Israel-Iran War: 'ट्रंप का नोबेल नॉमिनेशन वापस लें...', शहबाज-मुनीर को अपने ही देश में मिलने लगी लानतें
Donald Trump Nobel Nomination: ईरान और इजरायल के बीच तनाव के बीच, पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग का सामना किया है। पाकिस्तान ने भारत-पाक तनाव में ट्रंप के कथित शांति प्रयासों के लिए उन्हें नामित किया था।
पाकिस्तान की ओर से एक सिफारिशी पत्र नॉर्वे को नोबेल शांति पुरस्कार समिति को भेजा जा चुका है।
पीटीआई, इस्लामाबाद। ईरान और इजरायल के बीच सुलगते जंग (Israel Iran War) के बीच पाकिस्तान के कई बड़े नेताओं और मशहूर हस्तियों ने सरकार से मांग की है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन के फैसले पर दोबारा विचार करे।
यह मांग तब सामने आई जब अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों ( Iran Nuclear Facility) पर बमबारी की। पाक सरकार ने शुक्रवार को अचानक ऐलान किया था कि वह हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव में ट्रंप की कथित शांति प्रयासों के लिए उन्हें इस सम्मान के लिए नामित करेगी। इसके बाद पाकिस्तान में अब सरकार पर चापलूसी करने का आरोप लग रहा है।
उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के हस्ताक्षर वाला एक सिफारिशी पत्र नॉर्वे की नोबेल शांति पुरस्कार समिति (Noble Peace Prize) को भेजा जा चुका है। लेकिन अमेरिका की ओर से ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु ठिकानों पर इजरायल के साथ मिलकर बमबारी के बाद यह फैसला आलोचना के घेरे में आ गया। ‘डॉन’ अखबार के मुताबिक, कई प्रमुख नेताओं ने इस फैसले की समीक्षा की मांग की है।
झूठा साबित हुआ ट्रंप को 'शांतिदूत' बनाने का दावा
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है; नोबेल पुरस्कार की सिफारिश वापस की जाए।"
उन्होंने कहा कि ट्रंप की हाल की मुलाकात और आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ लंच ने पाकिस्तानी हुक्मरानों को इतना खुश कर दिया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल के लिए नामित किया।
ट्रंप ने फलस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजरायली हमलों का समर्थन किया। यह शांति का प्रतीक कैसे हो सकता है? अफगानों और फलस्तीनियों के खून से सने अमेरिका के हाथों के साथ, वह शांति का दावा कैसे कर सकते हैं?
मौलाना फजलुर रहमान, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ), पाकिस्तान
सोशल मीडिया पर भी सरकार को मिल रही लानतें
पूर्व सीनेटर मुशाहिद हुसैन ने एक्स पर लिखा, "अब जब ट्रंप संभावित शांतिदूत नहीं रहे, बल्कि एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने गैर-कानूनी जंग शुरू किया, पाकिस्तान सरकार को अब अपने नामांकन की समीक्षा करनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि ट्रंप इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजरायली युद्ध लॉबी के जाल में फंस गए और अपनी राष्ट्रपति पद की सबसे बड़ी भूल कर बैठे। उन्होंने कहा, "ट्रंप अब अमेरिका के पतन की अध्यक्षता करेंगे।"
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