ISI की काली कहानी: महिलाओं को कैसे फंसाती है पाक खुफिया एजेंस, क्या है इनका हिडन एजेंडा? पढ़ें Inside Story
हरियाणा की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की साजिशों का खुलासा किया है। आईएसआई न केवल भारत बल्कि अमेरिका ब्रिटेन नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की महिला व्लॉगर्स को अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल कर रही है। ये महिलाएं पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाकर ISI के नैरेटिव को बढ़ावा देती हैं जबकि उनकी यात्रा योजनाबद्ध और निगरानी में होती है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार करने के बाद अब तक कई लोग पकड़े गए हैं।
पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने और पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने के लिए ही जाना जाता है। लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत नही नहीं, दुनिया भर की प्रभावशाली महिलाओं का टारगेट करती है और उनसे न सिर्फ पाकिस्तान के लिए जासूसी कराती है, बल्कि दुनिया भर में अपनी इमेज चमकाने के लिए उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा भी लेती है। आईएसआई इन महिलाओं को अपने टूल की तरह इस्तेमाल करती है।
देश में जांच एजेंसियों ने हाल ही में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश भर से 10 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं। जासूसी के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों में महिला इंफ्लुएंसर, गरीब-वंचित, विधवा महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसाया गया है।
ISI ने किन देशों की महिलाओं को फंसाया
ज्योति मल्होत्रा के अलावा अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और स्कॉटलैंड के कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ऐसे हैं, जिनका कंटेंट पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के नैरेटिव से मेल-झोल खाता है।
खास बात ये हैं कि इनमें से 99 प्रतिशत महिला व्लॉगर हैं। ये सभी ब्लॉगर पाकिस्तान घूमने जाते हैं। फिर वहां गांवों, शहरों, स्कूलों और बाजार में जाकर वीडियो बनाते हैं। इन वीडियोज में पाकिस्तान को कथित सुरक्षित, शांतिप्रिय, प्रगतिशील और मेहमाननवाजी करने वाले देश के तौर पर दिखाते हैं।
ज्योति मल्होत्रा के समेत इन सभी ब्लॉगर के वीडियो में एक बात कॉमन नजर आती है और वो यह है कि ये सभी स्थानीय गाइड और पुलिस की निगरानी में घूमते नजर आते हैं। इसका मतलब साफ है कि व्लॉगर्स की यात्राएं स्वतंत्र और सेल्फ फंडेड नहीं हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग प्रभावशाली महिलाओं को जाल फंसा कर पाकिस्तान यात्रा कराते हैं। वहां उनको तमाम तरह की सुख-सुविधाएं देकर सुरक्षा, शांतिप्रिय, प्रगतिशील और मेहमाननवाजी के सब्जबाग दिखाए जाते हैं, जबकि हकीकत इसके उलट होती है।
आईएसआई इन महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा और शांति के दिखावे के लिए टूल की तरह इस्तेमाल करती है। ऐसा करके आईएसआई पाकिस्तान की ग्लोबल इमेज पर लगे आतंकवाद, मासूमों के खून के धब्बे पर को पोंछने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
23 वीडियो में सिर्फ पाकिस्तान एजेंडा
शमोजाई मैंगोज (Shamozai Mangoes) नाम से ब्रिटिश कंटेंट क्रिएटर का YouTube चैनल पाकिस्तान के नैरेटिव दुनिया भर में पहुंचाने का काम कर रहा है। रेबका के नाम की महिला इस चैनल को चलाती है और वह ट्रैवल ब्लॉगर होने का दावा करती है। जबकि दो साल पहले बने इस चैनल पर अब तक कुल 39 वीडियो अपलोड किए गए हैं, जिनमें से 23 वीडियो पाकिस्तान पर बनाए गए हैं।
एक वीडियो में रेबका नैरेट करती हैं-
'मुझसे कहा गया था कि पाकिस्तान बहुत खतरनाक देश है। वहां नहीं जाना चाहिए। मैंने उन सबकी बात को नहीं सुना, क्योंकि मैं खुद देखना चाहती थी। मैं नॉदर्न से आई हूं। मुझे यहां डर नहीं लगता।'
एक दूसरे वीडियो में वे पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी भी नजर आ रहे हैं, जिसमें वह यह दिखाने की कोशिश करती है कि पाकिस्तान महिलाओं के लिए सेफ है। शमोजाई मैंगोज चैनल पर वीडियो में पाकिस्तान की झोला भर-भर के तारीफ की गई है। यह कारण है कि इस चैनल पर और इसको चलाने वाली रेबका के ट्रैवलर व्लॉगर होने के दावे, दोनों पर सवाल उठते हैं।
Shamozai Mangoes के एक वीडियो में स्थानीय हैंडलर कहते हैं- हमने एक चैनल बनाया है। इसके बाद रेबका को पाकिस्तान आने के लिए आमंत्रित करने के लिए इनवाइट किया। जब वह लौटकर ब्रिटेन जाएंगी तो सभी हमारे देश के बारे में बताएगी। इस चैनल के सभी वीडियो पर पाकिस्तान समर्थन की भरमार है। इसी नाम से एक्स पर अकाउंट से पाकिस्तान में बाढ़ के बाद क्राउडफंडिंग का लिंक भी पोस्ट किया गया था।
नीदरलैंड की फ्लोरा: सब कुछ गुडी-गुडी
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के टूल के तौर पर अगला नाम आता है नीदरलैंड की एक और इन्फ्लुएंसर फ्लोरा गोनिन का। फ्लोरा गोनिन एक वीडियो में यह कहती है- मेरा लक्ष्य यह दिखाना और यह बताना है कि एक विदेशी महिला के तौर पर पाकिस्तान में यात्रा करना वास्तव में कैसा है।
यह बिल्कुल वैसा नहीं है, जैसा पश्चिमी मीडिया दिखाता है। दो साल पहले बने इस चैनल पर 40 में से 22 वीडियो में पाकिस्तान पर केंद्रित हैं। उनके एक वीडियो में बहावलपुर शहर के उस हिस्सों को दिखाया गया है, जोकि विदेशी पर्यटकों लिए बैन है। हालांकि, वीडियो में वह पुलिस एस्कॉर्ट के साथ नजर आ रही है।
शमोजाई मैंगोज और फ्लोरा गोनिन जैसे व्लॉगर की लिस्ट बहुत लंबी है। इसमें ऑस्ट्रेलिया की इरीना यामिंस्का , अमेरिकी व्लॉगर वैली बी, शैनन और स्कॉटलैंड के एलन जैसे सभी इंफ्लुएंसर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की बोली बोल रहे हैं। ये सभी पाकिस्तान सुरक्षित, आतंकवाद और अस्थिरता फ्री और मेहमानवजी की तारीफ करते हुए वीडियो बना रहे हैं।
आखिर महिला व्लॉगर्स क्यों ISI का टूल?
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI महिला व्लॉगर्स को अपना टूल क्यों बना रही है। इसके पीछे की आईएसआई की रणनीति है- महिला व्लॉगर्स रियल ब्लॉगर, निष्पक्ष और सहानुभूतिपूर्ण नजर आती है। दर्शकों को ऐसा लगता है कि ये अपने अनुभव साझा कर रही हैं, जबकि इसके उलट ये सभी पैसे व अन्य प्रलोभन के तहत पाकिस्तान की छवि सुधारने का काम कर रही हैं।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को आतंकवाद और संघर्ष का खतरा बताते हुए पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी है।
दूसरी पाकिस्तान आर्थिक बदहाली और आंतरिक सुरक्षा संकट से जूझ रहा है। जब विदेश नीति और कूटनीति से बात बनती नजर नहीं आई तो वह सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और व्लॉगर्स को टूल बनाकर अपनी ग्लोबल इमेज सुधारने की कोशिश कर रहा है।
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