सिंधु जल समझौता रद्द का असर: आसमान से बरस रही आग, पानी के लिए मचा हाहाकार; मानसून के भरोसे है सरकार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द करने का असर पाकिस्तान में दिख रहा है। पाकिस्तान में गंभीर जल संकट गहरा गया है जिससे पंजाब प्रांत के किसान सूखे की मार झेलने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सिंधु नदी प्रणाली से मिलने वाले पानी में सालाना 13.3 प्रतिशत की कमी आई है जिससे खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हो सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिंघु जल समझौता रद कर दिया गया था, जिसका असर अब पड़ोसी देश में देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान में गंभीर जल संकट नजर आने लगा है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के किसान सूखे की मार झेलने का मजबूर हैं। पाकिस्तान सरकार की एक रिपोर्ट की माने तो सिंधु नदी प्रणाली से मिलने वाले पानी में सालाना औसत 13.3 प्रतिशत की कमी आई है।
पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (Indus River System Authority-IRSA) की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधु बेसिन से 5 जून को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बांधों में 1.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
विशेषज्ञों की मानें तो पानी की कमी का असर सीधा खरीफ फसलों की बुवाई पर पड़ेगा। हालांकि, मानसून की बारिश से स्थिति में सुधार उम्मीद जताई जा रही है। बारिश होने तक खेतों में फसल लगी है, उसके सूखे की चपेट में आने की आशंका लगातार बनी हुई है।
केंद्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष ए.के. बजाज ने एक चैनल से कहा कि पाकिस्तान में सिंधु नदी प्रणाली से जुड़ी नदियों और जलाशयों में जलस्तर घट गया है। इसके कारण वहां के किसान संकट में हैं।
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