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इमरान ने कहा- आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करने देंगे अपनी धरती का उपयोग, पाक ने फिर बोला झूठ

पुलवामा हमले में जैश की संलिप्तता और देश में जैश के शिविरों की मौजूदगी के संबंध में भारत और सूचना/सुबूत मुहैया कराए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 01:08 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 07:10 AM (IST)
इमरान ने कहा- आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करने देंगे अपनी धरती का उपयोग, पाक ने फिर बोला झूठ
इमरान ने कहा- आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करने देंगे अपनी धरती का उपयोग, पाक ने फिर बोला झूठ

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों पर पड़ोसी देश ने एक बार फिर झूठ बोला है। पुलवामा हमले के बाद सौंपे गए डोजियर के जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि भारत ने जिन 22 स्थानों के बारे में बताया था, उसने उनकी जांच की है, लेकिन उसे वहां कोई आतंकी शिविर नहीं मिले हैं। उसने दावा किया कि पुलवामा हमले के संबंध में 54 लोगों को हिरासत में लिया गया, लेकिन उनका इससे किसी तरह के संबंध होने का पता नहीं चला है। पाकिस्तान ने जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष बुधवार को भारत के साथ साझा किए थे।

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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि किसी भी आतंकी समूह को देश के भीतर या बाहर किसी भी आतंकी गतिविधि के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। इमरान ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) को लागू करना उनकी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता थी।

पाकिस्तानी विदेश विभाग ने भारत की ओर से डोजियर सौंपे जाने के बाद अपने देश की 'प्रारंभिक जांच' की जानकारियां सार्वजनिक करते हुए कहा कि वह अनुरोध करने पर इन 22 स्थलों पर यात्रा की अनुमति दे सकता है।

बता दें कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के 120 से अधिक सदस्यों को नजरबंद करने की घोषणा की थी। गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने पांच मार्च को कहा था कि जैश प्रमुख अजहर मसूद का बेटा और उसका भाई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के उन 44 सदस्यों में हैं, जिन्हें पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है। एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत से कहा था कि वह पुलवामा हमले में जैश की संलिप्तता और देश में जैश के शिविरों की मौजूदगी के संबंध में 'और सूचना/सुबूत' मुहैया कराए।

डोजियर का दूसरा और तीसरा भाग ही पुलवामा हमले से संबंधित

पाकिस्तान ने कहा कि डोजियर मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने एक जांच टीम गठित की। जांच के लिए कई लोगों को हिरासत में लेने के साथ ही उस सोशल मीडिया सामग्री के तकनीकी पहलुओं पर भी काम शुरू किया गया जो भारतीय दस्तावेजों का मुख्य आधार है। उसने कहा कि भारतीय डोजियर में 91 पृष्ठ और छह भाग हैं, जिनमें से केवल दूसरा और तीसरा भाग ही पुलवामा हमले से संबंधित है। अन्य भाग एक तरह से सामान्य आरोप हैं।

सेवा प्रदाताओं से जीएसएम नंबर की मांगी गई है जानकारी

विदेश विभाग ने दावा किया कि भारत द्वारा मुहैया कराई गई सूचना के सभी पहलुओं की जांच की गई। इसमें आदिल डार का अपराध स्वीकार करने वाला वीडियो, हमले की जिम्मेदारी का 'दावा', इस्तेमाल किए गए वाट्सएप और टेलीग्राम नंबर, प्रतिबंधित संगठन से जुड़े 90 संदिग्ध लोगों की सूची शामिल हैं। कार्यालय ने कहा कि सेवा प्रदाताओं से भारत द्वारा मुहैया कराए गए जीएसएम नंबर के संपकरें एवं गतिविधियों की प्रासंगिक जानकारियों समेत डाटा देने का अनुरोध किया गया है। साथ ही वाट्सएप के संदेशों के बारे में जानकारी के लिए अमेरिका से मदद मांगी गई है।

पाक के जवाब पर भारत ने निराशा जताई

भारत ने जैश-ए-मुहम्मद पर भेजे गए अपने डोजियर पर पाकिस्तान ने जो जवाब दिया है उस पर निराशा जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार इस्लामाबाद अभी भी सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर इन्कार कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तान लगातार इस तरह के हमलों से इन्कार करता रहा है। यहां तक कि वह तो पुलवामा को आतंकी हमला भी मानने को तैयार नहीं था। यही काम उसने 2008 में मुंबई आतंकी हमले और 2016 में हुए पठानकोट हमले के संबंध में भी किया था।

कुमार ने कहा कि भारत पुलवामा हमले पर पाकिस्तान द्वारा सौंपे गए दस्तावेज की जांच कर रहा था, लेकिन इसमें इस्लामाबाद को शामिल करते हुए विश्वसनीय कार्रवाई का विवरण साझा नहीं किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को अपने नियंत्रण में आने वाले क्षेत्रों से आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ तत्काल, विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सत्यापित कार्रवाई करनी चाहिए। कुमार ने कहा, पाकिस्तान को उस प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए, जो उसने 2004 में दी थी, जिसे वर्तमान नेतृत्व ने भी हाल में दोहराया है।


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