Fawad Chaudhry Arrest: पीटीआई नेता फवाद चौधरी गिरफ्तार, इमरान खान की भी हो सकती है गिरफ्तारी
Pakistan News पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नेता फवाद चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चुनाव आयोग ने फवाद और अन्य नेताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। पुलिस इमरान खान को भी गिरफ्तार कर सकती है। (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को झटका लगा है। इमरान खान की सरकार में मंत्री रह चुके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नेता फवाद चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें लाहौर से गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने फवाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
इमरान खान भी होंगे गिरफ्तार?
फवाद चौधरी की गिरफ्तारी के बाद इमरान खान की भी गिरफ्तारी की आशंका है। इमरान के आवास के बाहर समर्थक बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं।
पीटीआई नेताओ ने बोला हमला
फवाद की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी नेता हाफिज फरहद अब्बास ने कहा कि फवाद चौधरी का उनके घर से अवैध रूप से अपहरण कर लिया गया है। उनका कसूर इतना है कि उन्होंने इंसाफ मांगा, देश का हक मांगा। उन्होंने इन संविधान का उल्लंघन करने वालों से कहा था कि चुनाव की घोषणा कर दो। अब हम चुप नहीं रहेंगे।
चुनाव आयोग को धमकी देने का आरोप
गौरतलब है कि फवाद चौधरी समेत पीटीआई नेताओं पर चुनाव आयोग को धमकी देने का आरोप है। फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की मौजूदा सरकार पर इमरान खान की गिरफ्तारी की साजिश रचने का आरोप भी लगाया था।
गैर जमानती वारंट जारी
चुनाव आयोग ने अवमानना के मामले में पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान, फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। पीटीआई नेताओं ने आयोग के सामने पेशी से छूट मांगी थी, लेकिन आयोग ने इस मांग को खारिज करते हुए 50,000 रुपये के जमानती बांड के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
پولیس کی یہ گاڑیاں فواد چوہدری کو گرفتار کرکے لے جارہی ہے pic.twitter.com/y0R2bebffK
— PTI (@PTIofficial) January 25, 2023
चुनाव आयोग पर PTI नेताओं ने साधा निशाना
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद असद उमर ने फिर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। असद ने कहा था कि चुनाव आयोग ने इमरान खान, मेरे और फवाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। चुनाव आयोग इलेक्शन कराने के बजाए इन कामों में लगा है। आयोग ही खुद अदालत की अवमानना के दोषी हैं।