जानें- आखिर किस डर से राजनीति की चौखट पर इमरान खान ने फिर फेंका पासा, चला बड़ा दांव
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के सुरों में अब कुछ नरमी आती दिखाई दे रही है। उन्हें डर है कि उन पर आयोग लाइफ बैन का फैसला सुना सकता है। इसलिए उन्होंने एक बड़ा दांव चला है और पीडीएम समेत सभी से बातचीत करने की बात कही है।

इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इन दिनों सबसे बड़ा डर पाकिस्तान के चुनाव आयोग का सता रहा है। उन्हें डर है कि कहीं पार्टी को मिली फंडिंग और तोशेखाना के मामले में आयोग उन पर चुनाव लड़ने से आजीवन प्रतिबंध न लगा दे। यही वजह है कि अब उनके सुरों में नरमी दिखाई देने लगी है।
बातचीत का दांव
इस नरमी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब वो सरकार और पीडीएम से भी सौदेबाजी का पासा फेंकने से नहीं चूक रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस दांव से उनके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगने की तलवार और जेल जाने की तलवार को हटाया जा सकता है। बता दें कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में सम्मिलित पार्टियों ने ही इमरान खान को पीएम पद से हटाने में एकमात्र भूमिका निभाई थी।
पीडीएम से भी कर सकते हैं बात
इमरान खान अपने को लाइफ बैन से बचाने के लिए अब किसी से भी बातचीत की बात कह रहे हैं। इमरान खान का कहना है कि यदि सरकार देश में आम चुनाव का ऐलान कर देती है तो वो पीडीएम समेत किसी से भी बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि पीडीएम देश में अपनी गिरती साख को लेकर परेशान भी है और दुखी भी है। यही वजह है कि वो चुनाव का ऐलान करने को लेकर कंफ्यूज्ड है। इसलिए वो चुनाव का ऐलान करने से भी बच रहे हैं। इमरान खान ने ये बातें जूम पर Independence Diamond Jubilee Special session में कही हैं।
दिए सवालों के जवाब
इस सेशन के दौरान ही पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा कि सरकार उनके खिलाफ जो झूठे मामले ला रही है वो कोर्ट में एक ही बार में खत्म हो जाएंगे। इनमें कोई दम नहीं है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार उन्हें लाइफ बैन का डर दिखाकर बातचीत के जरिए सौदेबाजी करना चाहती है। उन्होंने ये भी कहा कि नवाज और उनका मामला पूरी तरह से अलग है, लेकिन सरकार की मंशा साफ है।
सरकार पर साधा निशाना
पूर्व पीएम ने कहा कि वो पीडीएम समेत सभी से बातचीत का आफर देकर कोई सौदेबाजी करने का संकेत नहीं दे रहे हैं। सरकार उन्हें राजनीति से अलग कर केवल देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि इमरान खान को तोशेखाना और पार्टी फंडिंग के मामले में अनुच्छेद 62(1)(f) के तहत आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग सकता है। इसी तरह के एक मामले में नवाज शरीफ पर भी इसी तरह का बैन लगाया जा चुका है, जिसको अब सरकार एक बिल के जरिए संसद में पलटना चाहती है। इस दौरान सेना प्रमुख की नियुक्ति से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख को मेरिट के आधार पर ही बनाना चाहिए।
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