Imran Khan पर फिर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, तोशाखाना मामले में कोर्ट ने वारंट रद करने की याचिका खारिज की
Imran Khan Petition Rejects तोशाखाना मामले में इमरान के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी गई है। अतिरिक ...और पढ़ें

इस्लामाबाद, एजेंसी। Imran Khan Petition Rejects पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने पहले ही फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे उन्होंने बाद में सुनाया।
इमरान के वकील ने दिया ये तर्क
सुनवाई के दौरान इमरान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गौहर अली खान इस्लामाबाद जिला और सत्र अदालत के सामने पेश हुए। बुखारी ने तर्क दिया कि इमरान ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है। इमाम ने तर्क दिया कि पुलिस पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को गिरफ्तार नहीं कर सकती अगर वह अदालत में पेश होने को तैयार हैं।
जज बोले- पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए इमरान
वकीलों की दलीलों के बाद, न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से वारंट को रद करने के लिए संपर्क कर सकते थे, जिस पर इमाम ने कहा कि वे चाहते थे कि सत्र अदालत इसे रद करे। बुखारी ने कहा कि 70 वर्षीय खान लाहौर में अपने जमान पार्क स्थित आवास पर थे और वह "अदालत में पेश होने का तरीका" जानना चाहते थे।
पेश होने में लगातार विफल रहने पर जारी हुआ वारंट
अदालत से वारंट को रद करने का आग्रह करते हुए, इमाम ने तर्क दिया कि चुनाव अधिनियम 2017 के तहत पीटीआई प्रमुख के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी और गिरफ्तारी वारंट आमतौर पर एक निजी शिकायत पर जारी नहीं किए जाते थे। बता दें कि 28 फरवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशाखाना मामले में अदालत के सामने पेश होने में लगातार विफल रहने के लिए इमरान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
तोशाखाना मामले में इमरान पर ये है आरोप
बता दें कि अपनी संपत्ति की घोषणा में, इमरान पर तोशाखाना से रखे गए उपहारों के विवरण को छिपाने का आरोप है। दरअसल, तोशाखाना एक भंडार जहां विदेशी अधिकारियों से सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं। अधिकारियों और सरकारी पद पर बैठे लोगों को कानूनी रूप से उपहारों को रखने की अनुमति है बशर्ते वे पूर्व-निर्धारित राशि का भुगतान करें।

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