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    Pakistan News: इमरान खान को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, शीर्ष अदालत ने साइफर मामले में जमानत याचिका की स्वीकार

    By AgencyEdited By: Babli Kumari
    Updated: Wed, 22 Nov 2023 05:08 PM (IST)

    Pakistan News 71 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) को 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से राज्य उपहार बेचने के लिए 5 अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उनके वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।

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    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)

    रायटर्स, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है । हिरासत में लिए गए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई है।  उनके वकील ने कहा यह फैसला एक दिन बाद लिया गया है जब एक अन्य अदालत ने राज्य के रहस्यों को लीक करने के आरोप में उनके मुकदमे को अवैध घोषित कर दिया।

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    71 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से राज्य उपहार बेचने के लिए 5 अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उनके वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के लिए याचिका स्वीकार कर ली है। वकील नईम पंजुथा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) के एक पोस्ट में कहा, "दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अगली सुनवाई में फैसला आएगा।"

    पूर्व क्रिकेट स्टार जेल से रिहाई पाने और 8 फरवरी के आम चुनाव के लिए अभियान में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने की उम्मीद में विभिन्न कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

    खान अपनी सजा के कारण फरवरी के चुनाव में नहीं ले सकते भाग 

    आपको मालूम हो कि संसद में अविश्वास मत हारने के बाद उन्हें 2022 में पद से हटा दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि उस समय शीर्ष सुरक्षा नियुक्तियों पर जनरलों के साथ मतभेद होने के बाद सेना उन्हें किनारे करने की कोशिश कर रही थी। भले ही खान अपनी सजा के कारण फरवरी के चुनाव में भाग नहीं ले सकते लेकिन उनकी पार्टी का मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी से होगा, जिन्हें 1999 के तख्तापलट में बाहर कर दिया गया था और 2017 में एक अदालत के फैसले के कारण उन्हें फिर से सत्ता से बाहर होना पड़ा। शरीफ अपनी पार्टी को सत्ता बरकरार रखने में मदद करने के लिए चार साल के आत्म-निर्वासन से पिछले महीने स्वदेश लौटे थे।

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