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    पाकिस्‍तान में दो हिंदू लड़कियां अगवा, सांसद के भाई पर शक, परिजनों को मिल रही धमकियां

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Sat, 25 Apr 2020 06:56 AM (IST)

    पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू परिवार की दो नाबालिग लड़कियों को अगवा करने की घटना सामने आई है। इसमें इलाके के प्रभावशाली नेता के भाई क ...और पढ़ें

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    पाकिस्‍तान में दो हिंदू लड़कियां अगवा, सांसद के भाई पर शक, परिजनों को मिल रही धमकियां

    इस्लामाबाद, एएनआइ। ऐसे में जबकि पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पैदा महामारी से घिरी हुई है, फिर भी पाकिस्तान में जुल्म-ज्यादती जारी है। सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू परिवार की दो नाबालिग लड़कियों को अगवा करने की घटना सामने आई है। इस घटना में इलाके के प्रभावशाली नेता के भाई के नाम आ रहा है। पीडि़त परिवार को पुलिस की मदद मिलना दूर, उन्हें अगवा करने वाले के परिजनों से धमकियां मिल रही हैं। परिजनों ने एक वीडियो जारी कर अपनी बेटियों- सुधी और शमा की शीघ्र तलाश किए जाने की मांग की है।

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    परिजनों का आरोप है कि दोनों बहनों को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य पीर फैसल शाह जीलानी के भाई ने अगवा किया है। पीडि़त परिवार को डर है कि पुलिस ने अगर कार्रवाई में ढिलाई बरती तो अगवा बहनों का जबरन धर्मातरण कर उनकी शादी करवा दी जाएगी। सिंध प्रांत इस तरह की जबरन शादियों के लिए बदनाम है। वहां की विधानसभा भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग सरकार से कर चुकी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान सरकार से कह चुका है। लेकिन पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेशनल असेंबली में कड़े कानूनी प्रावधान किए जाने का प्रस्ताव पारित नहीं होने दे रहे।

    उल्‍लेखनीय है कि पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ लगातार हिंसा और उत्‍पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। मूवमेंट फॉर सॉलिडरिटी एंड पीस इन पाकिस्तान के अनुसार हर साल ईसाई और हिंदू समुदायों की करीब एक हजार लड़कियों की जबरदस्ती शादी मुस्लिम युवकों से करा दी जाती है। यही नहीं जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हो रही है, तब पाकिस्‍तान में अल्पसंख्यकों को अकेला उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। सिंध में अल्पसंख्यक समुदायों ने प्रभावशाली लोगों और अन्य सरकारों से अपील की है कि वे उन्हें भोजन मुहैया कराएं क्योंकि पाकिस्तान उनकी मदद नहीं कर रहा है।