गिलगित-बाल्टिस्तान में तबाही, ग्लेशियर टूटने से बह गए 70 घर
गिलगित-बाल्टिस्तान की गुपिस घाटी में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई है। रात में झील टूटने से अचानक बाढ़ आ गई। समय पर अलर्ट और बचाव अभियान जारी होने की वजह से किसी की जान नहीं गई लेकिन कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से गुपिस घाटी के तिलदास और रौशन गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गिलगित-बाल्टिस्तान के गुपिस घाटी में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई है। रात में झील टूटने से अचानक बाढ़ आ गई। हालांकि, समय पर अलर्ट और बचाव अभियान जारी होने की वजह से किसी की जान नहीं गई, लेकिन कई गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
रेस्क्यू 1122 के अनुसार, बाढ़ से गुपिस घाटी के तिलदास और रौशन गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गिजर नदी करीब 8 घंटे तक रुकी रही जिससे नीचे के इलाकों में और खतरा बढ़ गया।
200 लोगों का किया गया रेस्क्यू
अधिकारियों ने बताया कि 200 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। जिन परिवारों के घर तबाह हुए हैं, उन्हें मेडिकल मदद भी दी जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव का लगभग 80% हिस्सा बाढ़ में बह गया और कई लोग पूरी तरह बेघर हो गए।
गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के सचिव फिदा हुसैन ने कहा कि 40 लोग जो बीच में फंसे थे, उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर और स्थानीय वॉलिंटियर्स ने बचाया। 70 घर पूरी तरह से तबाह हो गए और नदी का पानी चार किलोमीटर तक फैल गया। मंत्री गुलाम मोहम्मद ने कहा कि अगर नदी का बहाव जल्द बहाल नहीं हुआ तो कई और घर डूब सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए आदेश
गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री हाजी गुलबर खान ने सेना और पुलिस को तुरंत बचाव अभियान में लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन सबसे कीमती है और इसके लिए हर संसाधन इस्तेमाल होगा।
समय पर अलर्ट से बची जान
स्थानीय चरवाहों ने समय रहते नीचे के गांवों को फोन से सूचना दी, जिसके बाद लोग तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले गए। इसी वजह से किसी की जान नहीं गई। सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि समय पर अलर्ट सिस्टम और लोकल टीम कितनी जरूरी है। उन्होंने पाकिस्तान में ऐसे सिस्टम को और मजबूत करने की मांग की।
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