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    पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ीं, देश के रहस्यों को लीक करने के आरोप में आपराधिक जांच शुरू

    जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक शीर्ष सुरक्षा सूत्र ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ देश के रहस्यों को लीक करने के आरोप में आपराधिक जांच शुरू कर दी है। बता दें कि इमरान खान वर्तमान में तीन साल की सजा काट रहे हैं।

    By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 22 Aug 2023 07:02 AM (IST)
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    पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ीं (फाइल फोटो)

    इस्लामाबाद, एजेंसी। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक शीर्ष सुरक्षा सूत्र ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ देश के रहस्यों को लीक करने के आरोप में आपराधिक जांच शुरू कर दी है।

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    क्या है मामला?

    दरअसल, इमरान खान के खिलाफ ये मामला पिछले साल वाशिंगटन में पाकिस्तान के राजदूत द्वारा इस्लामाबाद भेजे गए एक गोपनीय दस्तावेज से संबंधित है। इस मामले की फिलहाल जांच चल रही है।

    जेल में बंद हैं इमरान खान

    इमरान खान ने कई बार उन्हें पिछले वर्ष अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने में विदेशी साजिश के सबूत के तौर पर लापता दस्तावेज का जिक्र किया है। बता दें कि इमरान खान वर्तमान में भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की सजा काट रहे हैं और उन्हें पांच साल के लिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

    जांच अधिकारी कर रहे सबूत इकट्ठा

    एक सुरक्षा सूत्र ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि हमारे जांच आधिकारी रहस्यों को लीक करने के आरोप में इमरान खान को दोषी ठहराने के लिए सबूत एकत्र कर रही है, ताकि इमरान खान को सरकारी गोपनीयता लीक करने के आरोप में दोषी ठहराया जा सके।

    इमरान के करीबी शाह महमूद कुरैशी हुए गिरफ्तार

    इससे पहले इमरान खान के सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक होने के आरोप में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोप है कि विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास की ओर से विदेश कार्यालय को भेजे गए आधिकारिक दस्तावेज की गोपनीयता भंग की।