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    आतंकवाद को हवा देने वाले पाक को आतंकियों की चोट, हमलों में पांच पाकिस्‍तानी फौजी हलाक

    खैबर पख्तूनख्वा में बुधवार को हुए दो अलग-अलग हमलों में कम से कम पांच पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई। अभी तक इन हमलों की जिम्‍मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। इन आतंकी हमलों ने पाकिस्‍तान को सकते में डाल दिया है।

    By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 21 Oct 2021 06:37 PM (IST)
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    खैबर पख्तूनख्वा में बुधवार को हुए दो अलग-अलग हमलों में कम से कम पांच पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई।

    इस्‍लामाबाद, एएनआइ। खैबर पख्तूनख्वा में बुधवार को हुए दो अलग-अलग हमलों में कम से कम पांच पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ ने पाकिस्‍तानी अखबार डान के हवाले से बताया है कि पाक-अफगान सीमा के पास मामुंड तहसील के पहाड़ी इलाके में सड़क किनारे सुरक्षा बलों का एक वाहन बम धमाके की चपेट में आ गया जिसमें चार जवानों की मौत हो गई। वहीं उत्तरी वजीरिस्तान में छपरी वजीरन चेक पोस्ट पर हुए आतंकी हमले में सेना का एक जवान शहीद हो गया।

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    इन सिलसिलेवार आतंकी हमलों ने आतंकवादियों को पालने पोषने वाले पाकिस्‍तान को सकते में डाल दिया है। पाकिस्‍तानी अखबार डान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाक-अफगान सीमा के पास मामुंड तहसील के पहाड़ी इलाके तीर बांदा में सड़क किनारे उक्‍त बम धमाका तब हुआ जब सुरक्षा बलों और पुलिस की एक संयुक्त टीम क्षेत्र में एक विस्फोट के बाद तलाशी अभियान चला रही थी। इस विस्‍फोट में एक वाहन को निशाना बनाया गया।

    इस घटना के बाद उत्तरी वजीरिस्तान के हंगू इलाके में छपरी वजीरन चेक पोस्ट पर हुए आतंकी हमले में सेना का एक जवान मारा गया। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अभी किसी आतंकी संगठन ने इन हमलों की जिम्‍मेदारी नहीं ली है। अमूमन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Tehreek-e-Taliban Pakistan, TTP) पाकिस्तानी सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाता रहा है। बीते दिनों उसने पाकिस्‍तानी हुकूमत को चेतावनी दी थी।

    एक रिकार्डेड वीडियो संदेश में तालिबान प्रमुख नूर वली महसूद (Noor Wali Mehsud) ने कहा था कि यदि पाकिस्‍तानी सुरक्षा बलों के आपरेशन बंद नहीं किए गए तो वह पाकिस्तान से सभी आदिवासी इलाकों को आजाद करा लेगा। मालूम हो कि टीटीपी ने जुलाई से 15 सितंबर के बीच पाकिस्तानी सेना पर 55 हमले किए हैं। उसका कहना है कि पाकिस्तानी सेना एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता है।

    उल्‍लेखनीय है कि तालिबान पहले ही साफ कर चुका है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान उनकी समस्‍या नहीं है। खुद पाकिस्‍तान को ही इससे निपटना होगा। सनद रहे सितंबर में न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly, UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों ही इशारों में पाकिस्‍तान को नसीहत देते हुए कहा था कि जो देश आतंकवाद का टूल के तौर पर इस्‍तेमाल कर रहे हैं वह भूल रहे हैं कि आतंकवाद उनके लिए भी खतरा बनेगा...