मजदूरी में गुजरता बचपन... पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहे बालश्रम के मामले; अकेले सिंध में 16 लाख मासूम काम करने को मजबूर
पाकिस्तान में बालश्रम तेजी से बढ़ रहा है, खासकर सिंध प्रांत में जहां 16 लाख से अधिक बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को बचपन में ही काम करना पड़ रहा है। कम वेतन और लंबे समय तक काम करने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। बालश्रम एक गंभीर समस्या है जिस पर ध्यान देना आवश्यक है।

पाकिस्तान में बालश्रम के मामले बढ़े। प्रतीकात्मक फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान बालश्रम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 16 लाख से अधिक बच्चे बाल मजदूरी में लगे हुए हैं। सिंध के लेबर विभाग के डायरेक्टर जनरल सैयद मुहम्मद मुर्तजा अली शाह ने बताया कि 17 साल तक के बच्चों के लिए सुरक्षा कानून लागू करने के बावजूद ये समस्या जस की तस बनी हुई है।
जुलाई-अगस्त के बीच UNICEF और सांख्यिकी ब्यूरो के सांझे प्रयास द्वारा किए गये सर्वेक्षण में मालूम हुआ कि सिंध के 16 लाख से अधिक बच्चे (जिसमें 5 से लेकर 17 वर्ष तक के बच्चे शामिल हैं) बालश्रम में लगे हुए हैं।
पाकिस्तान में बालश्रम के मामले बढ़े
शाह ने ये भी बताया कि सर्वेक्षण के नतीजों में ये भी पाया गया कि लगभग 8 लाख बच्चे खतरनाक और शोषणकारी परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अब अन्य प्रांतों में भी बालश्रम को लेकर सर्वेक्षण किए जा रहे है।
शाहदादकोट सबसे ज्यादा बालश्रम
इस सर्वे में ये बात भी सामने आई की बालश्रम में लगे हुए इन बच्चों में केवल 40.6 प्रतिशत ही स्कूल जाते हैं, जबकि गैर-कामकाजी बच्चों की तुलना में ये प्रतिशत करीब 70.5 है। कंबर शाहदादकोट में सबसे ज्यादा 30.8 फीसदी बच्चे बाल मजदूरी में लगे हैं।
इसके बाद थारपारकर में 29 फीसदी, टांडो मुहम्मद खान में 20.3 फीसदी और शिकारपुर में 20.2 फीसदी बच्चे बालश्रम में लगे हुए है। कराची में यह प्रतिशत सबसे कम है जहां महज 2.38 प्रतिशत बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं।
सरकार लगातार कर रही प्रयास
शाह ने बताया कि राज्य में बालश्रम को कम करने को लेकर सरकार लगातार कोशिश कर रही है। प्रांत की सरकार इस मामले में कानूनों को अपडेट करने, बालश्रम के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के साथ कई जगहों पर छापेमारी भी कर रही है।
उन्होंने ये भी बताया कि मुख्यमंत्री ने इस समस्या को खत्म करने को लेकर विशेष बल का भी गठन किया है।

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