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    पाकिस्‍तान में इनकम टैक्‍स न भरने वालों को बड़ा झटका, मोबाइल-इंटरनेट रिचार्ज पर लगेगा अत‍िरिक्‍त कर; न देने पर सिम होगी ब्‍लॉक

    By Agency Edited By: Prateek Jain
    Updated: Sat, 11 May 2024 02:38 PM (IST)

    पाकिस्तान सरकार ने गैर-फाइलर्स पर अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है जिन्हें अब मोबाइल लोड और बंडल पर अधिक कर देना होगा। एआरवाई न्यूज ने शुक्रवार को इस खबर को प्रकाशि‍त किया। रिपोर्ट के मुताबिक फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने नॉन-फाइलर्स के खिलाफ एक योजना तैयार की है जिसे 15 मई से लागू किए जाने की संभावना है। सरकार गैर-फाइलर्स पर 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाएगी।

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    पाकिस्तान सरकार ने गैर-फाइलर्स पर अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, इस्‍लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने नॉन-फाइलर्स (इनकम टैक्‍स न भरने वाले) पर अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है, जिन्हें अब मोबाइल लोड और बंडल पर अधिक कर देना होगा। एआरवाई न्यूज ने शुक्रवार को इस खबर को प्रकाशि‍त किया।

    रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने नॉन-फाइलर्स के खिलाफ एक योजना तैयार की है, जिसे 15 मई से लागू किए जाने की संभावना है।

    सरकार गैर-फाइलर्स पर 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाएगी और साथ ही अनुपालन से इनकार करने वालों के सिम कार्ड भी रोक देगी।

    इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट जाएगा FBR

    एआरवाई न्यूज ने घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यु (एफबीआर) ने भी पीटीए और सेलुलर कंपनियों के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में जाने का फैसला किया है।

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    रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआर ने याचिका दायर करने से पहले ही अपनी कानूनी टीम के साथ परामर्श करना शुरू कर दिया है।

    गैर-अनुपालन के आधार पर सिम कार्ड को ब्लॉक करने के निर्देश पर एफबीआर और मोबाइल कंपनियों के बीच पहले की बातचीत विफल रही।

    पीटीए ने अतिरिक्‍त कर का किया विरोध

    रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 मई को पीटीए ने 500,000 से अधिक गैर-फिलरों के सिम कार्ड को ब्लॉक करने का विरोध किया। उन्होंने नए कर नियम का पालन करने से इनकार कर दिया। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीए ने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं सिम का इस्तेमाल करती हैं, जो उनके पति-पत्नी के नाम पर पंजीकृत हैं।

    दूरसंचार प्राधिकरण ने कर नेट के तहत आने वाले लोगों के सिम कार्ड बहाल करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि वे सिम को ब्लॉक करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं, क्योंकि ऐसा करने से डिजिटलीकरण और देश की दूरसंचार अर्थव्यवस्था के प्रयासों में बाधा आएगी।