पाकिस्तान में 121 की हत्या तो जबरदस्ती गायब किए गए 785 लोग, सवालों के घेरे में सेना
बलूचिस्तान में मानवाधिकार संगठन के अनुसार 2025 की शुरुआत से पाकिस्तानी सेना और सरकार समर्थित हत्यारों द्वारा 785 लोगों को जबरन गायब किया गया है और 121 की हत्या कर दी गई। गायब होने वालों में छात्र पत्रकार और प्रदर्शनकारी शामिल हैं। पीड़ितों को कराची और इस्लामाबाद से भी अगवा किया गया।

आईएएनएस, क्वेटा। एक मानवाधिकार संगठन का कहना है कि 2025 की शुरुआत से पाकिस्तान की सेनाओं और ''सरकार समर्थित हत्यारों'' के हाथों बलूचिस्तान में 785 व्यक्तियों को जबरन गायब किया गया और 121 लोगों की न्यायालय के मुंह देखे बिना ही हत्या कर दी गई।
बलोच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग ने बताया कि लोगों को गायब करने और हत्याओं की दैनिक औसत दर चार लोग गायब होने और एक हत्या प्रतिदिन है। पीडि़तों में छात्र, पत्रकार और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी शामिल हैं। इनमें से कई को कराची व इस्लामाबाद जैसे शहरों से अपहृत किया।
'जबरन किया गया गायब'
मानवाधिकार संगठन बलोच यकजहती समिति (बीवाईसी) के अनुसार यह घटना तब हुई जब दिल जान बलोच को दो अगस्त को सरकार समर्थित सशस्त्र हत्यारों ने बेरहमी से हत्या कर दी, जबकि उन्हें 22 जुलाई को बलूचिस्तान के केच जिले से जबरन गायब किया गया था।
बलूचिस्तान के मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने कहा, 'एक और घटना रविवार को हुई जब पिछले दिसंबर में जबरन गायब किए गए इनायत खैर मोहम्मद को पाकिस्तान समर्थित मौत दस्ते द्वारा हत्या कर दी गई।'
'काम करने की दी जाती है खुली छूट'
मानवाधिकार संगठन ने बताया कि ये समूह, जिन्हें स्थानीय रूप से ''मौत दस्ते'' कहा जाता है। इन्हें अपना काम करने की खुली छूट दी जाती है और व्यापक रूप से माना जाता है कि वे बलूचिस्तान में पाकिस्तान सरकार के हितों के लिए ''प्राक्सी'' के रूप में कार्य करते हैं।
एचआरसीबी ने कहा, ''यह पैटर्न पहले से दस्तावेजीकृत रणनीतियों के अनुरूप है, जो बलूचिस्तान में सरकारी नीति की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने के लिए बनाई गई है, जबकि औपचारिक न्याय और निगरानी के चैनलों से बचा जाता है।''
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