पाकिस्तान में बुलेट प्रूफ कारों में चलेंगे सभी चीनी CPEC कर्मचारी, शहबाज शरीफ ने जताई सहमति
चीनी नागरिकों को आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए पाकिस्तान और चीन बुलेट प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गए हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ता है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में सीपीईसी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए पाकिस्तान और चीन बुलेट प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गए हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ता है।
बता दें कि 60 अरब डॉलर का सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति शी चिनफिंग की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। बता दें कि पाकिस्तान में चीनी कर्मचारियों की सुरक्षा उसकी विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक बड़ी बाधा बन रही थी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि सीपीईसी की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) के मसौदे के अनुसार, दोनों पक्ष कानून-प्रवर्तन एजेंसियों और जांचकर्ताओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर भी सहमत हुए हैं। 11वें जेसीसी के ड्राफ्ट मिनट्स में कहा गया है कि परियोजनाओं में लगे चीनियों की सभी बाहरी गतिविधियों के लिए बुलेट प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर राष्ट्रपति ने व्यक्त की गहरी चिंता
राष्ट्रपति शी ने पिछले हफ्ते सीपीईसी परियोजनाओं पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर गहरी चिंता व्यक्त की थी और प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी पहली बीजिंग यात्रा के दौरान बातचीत में उनके लिए विश्वसनीय और सुरक्षित वातावरण की मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्णय चीनी सरकार की चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
पाकिस्तान में आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं चीन परेशान
सूत्रों के अनुसार, अपने कर्मचारियों पर बार-बार होने वाले हमलों के साथ, चीन ने पाकिस्तान से अपने सुरक्षा कर्मियों को चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए कहा था। गैर-गलियारा परियोजनाओं में शामिल आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, पाकिस्तान ने सुरक्षा प्रयासों पर समन्वय के लिए एक अलग संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा था।