विदेशों में भीख मांग रहे 51000 पाकिस्तानी नागरिकों को किया गया डिपोर्ट, सबसे ज्यादा सऊदी पहुंचे थे
पाकिस्तानी नागरिकों की एक बड़ी संख्या विदेशों में भीख मांगते हुए पकड़ी गई है। सऊदी अरब से 24,000 सहित कुल 51,000 पाकिस्तानियों को निर्वासित किया गया ह ...और पढ़ें

51000 पाकिस्तानी नागरिक विदेशों में भीख मांगते हुए डिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वीजा-पासपोर्ट लेकर कोई भी व्यक्ति अपना देश बेहतर रोजगार और जीवनशैली की तलाश में छोड़ता है। लेकिन, पाकिस्तानी नागरिक विदेश भी जाते हैं तो भीख मांगने के लिए। अपने हुक्मरान की तरह शायद उन्हें भी अपने देश के मान सम्मान से कोई मतलब नहीं रह गया है।
जैसे उनके हुक्मरान दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़े रहते हैं, वही पेशा बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों ने भी अपना रखा है। विडंबना ये है कि पाकिस्तानी सरकार अपनी संसद में खुद स्वीकार कर रही है कि हजारों की संख्या में नागरिक विदेश में भीख मांगते पकड़े गए हैं और खदेड़े गए हैं।
इनमें सबसे बड़ी संख्या पाकिस्तान के प्रिय देश सऊदी अरब से खदेड़े गए नागरिकों की है। आगा रफीउल्लाह की अध्यक्षता में ओवरसीज पाकिस्तानी और मानवाधिकर पर नेशनल असेंबली स्टैडिंग कमेटी के सत्र के दौरान एफआइए के डायरेक्टर जनरल रिफत मुख्तार रजा ने बताया कि 51,000 पाकिस्तानियों को दूसरे देशों ने अपने यहां टिकने नहीं दिया और निर्वासित किया।
उन्होंने बताया कि सऊदी अरब से सबसे ज्यादा, 24,000 पाकिस्तानियों को भीख मांगते पकड़ा गया और स्वदेश भेजा गया। यूएई ने भी 6,000 पाकिस्तानियों को इसी आधार पर पकड़ा, जबकि अजरबैजान ने 2500 पाकिस्तानियों को भीख मांगने के आरोप में देश से बाहर कर दिया। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोग 'उमरा (छोटी हज यात्रा)' के बहाने यूरोप में घुसपैठ का प्रयास करते पकड़े गए हैं।
यूरोपीय देशों के अधिकारियों ने उनके दस्तावेजों के आधार पर उन्हें ऐसा करते पकड़ा। एफआइए के डीजी ने बताया कि सुबूतों के आधार पर उन यात्रियों को यूरोप में प्रवेश से रोका गया।
इसके अलावा, समिति को ये भी बताया गया कि 24,000 पाकिस्तानी इस साल कंबोडिया की यात्रा पर गए, जिसमें से 12,000 अब तक लौटे नहीं है, जबकि 4000 पाकिस्तानी टूरिस्ट वीजा पर म्यांमार गए और उनमें से 2500 अब तक स्वदेश नहीं लौटे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल आठ हजार पाकिस्तानी अवैध तरीके से यूरोप गए थे, जबकि इस साल ये संख्या गिरकर चार हजार हो गई है।
उन्होंने बताया इस साल जनवरी में सऊदी अरब और अमेरिका जैसे देशों से 200 पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करके पाकिस्तान भेजा गया है। पासपोर्ट रैं¨कग में 92वें स्थान पर पाकिस्तान एफआइए प्रमुख ने बताया कि बेहतर नियंत्रण के चलते पाकिस्तान की पासपोर्ट रैकिंग 118 से बढ़कर 92 हो गई है। वहीं, अवैध प्रवासन के मामले में पाकिस्तान शीर्ष पांच देशों में आता था, लेकिन नीतियों में सुधार के चलते ये स्थिति भी बेहतर हुई है।
(न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)

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