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सैलानियों को लुभा रहा जमीन के नीचे बना महल, 3 हजार वर्ग फीट में है फैला

दुनिया भर में न मालूम कितने आलीशान महल हैं जिनके बारे में आपने भी सुना होगा। मुमकिन है कुछ को देखा भी हो। लेकिन क्‍या आपने जमीन के अंदर बने किसी महल के बारे में सुना या देखा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 04:13 PM (IST)
सैलानियों को लुभा रहा जमीन के नीचे बना महल, 3 हजार वर्ग फीट में है फैला
सैलानियों को लुभा रहा जमीन के नीचे बना महल, 3 हजार वर्ग फीट में है फैला

येरेवान। दुनिया भर में न मालूम कितने आलीशान महल हैं जिनके बारे में आपने भी सुना होगा। मुमकिन है कुछ को देखा भी हो। लेकिन क्‍या आपने जमीन के अंदर बने किसी महल के बारे में सुना या देखा है। यदि नहीं सुना है तो हम आपको इसके बारे में बता देते हैं। जमीन के अंदर यह महल आर्मेनिया के अरिंज गांव में बना हुआ है। इसको बनाने में करीब 23 वर्ष का समय लगा। आलम ये है कि तीन हजार वर्ग फुट में फैला ये महल अब सैलानियों को काफी लुभा रहा है। लेकिन इस महल के बनने की कहानी बेहद दिलचस्‍प है।

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आलू रखने के लिए जमीन  के नीचे बनाना था गोदाम 
दरअसल यहां रहने वाली एक स्‍थानीय महिला तोस्या घारीबिन ने 23 वर्ष पहले 1985 में अपने पति लेवोन अरकेल्यान से आलू रखने के लिए जमीन के अंदर एक बेसमेंट तैयार करने को कहा था। लेवोन ने इसकी शुरुआत करने के दौरान कभी नहीं सोचा था कि वह बेसमेंट में आलू के गोदाम की जगह किसी महल को बना देंगे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे ही लेवोन का जुनून बढ़ता चला गया और 23 वर्षों में एक शानदार महल तैयार हो गया।

पर्यटकों को लुभा रहा महल 
2008 में लेवोन की मौत हो गई। लेकिन उनका बनाया महल पर्यटकों को खूब लुभा रहा है। लेवोन ने जमीन के अंदर बने महलनुमा घर को मध्ययुगीन इमारत की शक्ल दी है। महल में गुफा के साथ कुछ नहरें भी हैं। इस महल में बने दरवाजे ऐसे हैं जिनसे आपकी निगाह भी शायद न हटे। इन दरवाजों को मेहराब की शक्ल दी गई है। पहले के मकानों की तरह ही इस महल की दीवारों पर बड़े-बड़े आले बनाए गए हैं। इस महल को देखने की चाहत रखने वाले सैलानियों को खुद महल की रानी तोस्‍या यहां के गाइड का काम करती हैं। इस महल में सात कमरे बने है। वह इसको लेवोन के प्‍यार की निशानी बताती हैं।

1985 में शुरू हुआ था काम
महल और उनके पति लेवोन के बारे में तोस्या बताती हैं कि उनके पति ने जब एक बार खुदाई शुरू की तो फिर उसके बाद वे नहीं रुके। 1985 में लेवोन ने काम शुरू किया था। उनके मुताबिक कई बार उन्‍होंने खुद लेवोन को इसकी खुदाई रोक देने को कहा, लेकिन उस वक्‍त उनके पति के सिर पर जुनून सवार था। यही वजह थी कि वह न पीछे हटे और न ही रुके। हर रोज लेवोन जमीन के अंदर करीब 18 घंटे खुदाई करते थे। जमीन के नीचे शानदार महल बनाने में सफल हुए लेवोन ने घर बनाने का प्रशिक्षण लिया था।

किया कम आराम
खुदाई के दौरान लेवोन कुछ देर की झपकी लेते, उसके बाद फिर गुफा खोदने में जुट जाते। उन्हें भरोसा था कि ईश्वर उनकी मदद कर रहा है। 20 साल से ज्यादा समय में लेवोन ने जमीन के अंदर सामान्य औजारों से तीन हजार वर्गफुट हिस्सा खोद लिया। लेवोन की बेटी अरक्स्या अब 44 वर्ष की हैं। वह बताती हैं कि बचपन में जमीन के अंदर से खुदाई की काफी आवाजें आती थीं। शुरुआत में जमीन खोदने में उन्हें काफी मेहनत लगी क्योंकि जमीन के नीचे बेसाल्ट पत्थर था।

600 ट्रक मिट्टी निकाली
लेवोन की मेहनत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने खुदाई में 600 ट्रक मिट्टी और पत्थर निकाले। 2008 में महल की एक दीवार टूट गई। इसके चलते लेवोन को हार्टअटैक आया और 67 साल में उनकी मौत हो गई। तोस्या ने अपने पति की याद में एक म्यूजियम भी बनाया है।


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